आपको संकट में डाल सकता हैं ग्रहों की बुरी दशा, जानें क्या करें उपाय
इंसान के जीवन में अच्छी-बुरी घटनाओं के लिए ग्रह जिम्मेदार होते हैं. ज्योतिषविदों का मानना है कि अगर कुंडली में किसी ग्रह की दशा खराब चल रही है तो इंसान के सिर पर भारी संकट मंडराने लगते हैं. सूर्य से लेकर मंगल और शनि जैसे ग्रहों की खराब दशा इंसान के लिए मुसीबतें खड़ी कर सकते हैं. आइए आज आपको ग्रहों की बुरी दशा के उपाय बताते हैं.
अगर सूर्य की बुरी दशा चल रही हो
इस दशा में ह्रदय रोग, नेत्र रोग तथा अपयश की संभावना होती है. इसके निवारण के लिए सूर्य को नियमित जल अर्पित करें. ज्यादा से ज्यादा सूर्य मन्त्र का जप करें.
अगर चंद्र की बुरी दशा हो
इस दशा में अपमृत्यु, ह्रदय और मन की समस्या हो जाती है. इसके निवारण के लिए पूर्णिमा को चन्द्रमा की उपासना करें. साथ ही इस समय शिव जी की पूजा करें.
अगर मंगल की बुरी दशा हो
इस दशा में दुर्घटना, शल्य चिकित्सा और कारावास के योग बनते हैं. इसके निवारण के लिए वृषभ दान और निर्धन भोजन अचूक है. साथ ही नियमित रूप से कुमार कार्तिकेय की पूजा करें.
अगर बुध की बुरी दशा चल रही हो
इसमें आर्थिक क्षति, मानसिक रोग तथा त्वचा की समस्या होती है. इसके निवारण के लिए तुलसी पत्र से श्रीहरि का पूजन करें. साथ ही नियमित विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें.
अगर बृहस्पति की बुरी दशा हो
इस दशा में असाध्य रोग तथा बड़ी बीमारियां होती हैं. इसके निवारण के लिए धर्मस्थान में दान अनुकूल होता है. साथ ही गुरु रूप में शिव जी का पूजन करना चाहिए.
अगर शुक्र की बुरी दशा हो
इस दशा में अपमान, अपयश तथा नेत्र विकार के योग होते हैं. इसके लिए शिव जी की पूजा माता गौरी के साथ करना चाहिए. साथ ही नियमित रूप से लिंगार्चन करना चाहिए.
अगर शनि की बुरी दशा हो
इस दशा में अपमृत्यु, दुर्घटना और लम्बी बीमारियों के योग बनते हैं. इसके लिए स्वर्ण दान और पीपल पर दीपदान करना चाहिए. साथ ही महामृत्युंजय मंत्र का नियमित जप करना चाहिए.
अगर राहु केतु की बुरी दशा हो
इस दशा में आकस्मिक घटनाएं तथा विचित्र बीमारियां होती हैं. इसके लिए शिव मंदिर में चांदी के सर्प दान करना चाहिए. साथ ही राहु के लिए भगवान भैरव की और केतु के लिए भगवान गणेश की उपासना करनी चाहिए.