सामने आया कोरोना का नया लक्षण, मरीजों में दिखा यह… साइड इफेक्ट

खाने-पीने की चीजों का स्वाद और गंध ना महसूस होना कोरोना वायरस के प्रमुख लक्षणों में से एक है लेकिन जिन लोगों में कोरोना लंबे समय तक  रह जाता है उन्हें अब कुछ और भी महसूस हो रहा है. UK के प्रसिद्ध ईएनटी सर्जन प्रोफेसर निर्मल कुमार का कहना है कि कोरोना से लंबे समय तक पीड़ित लोगों को मछली की तेज गंध, सल्फर और किसी बीमारी की सी दुर्गंध आ रही है.

इस असामान्य साइड इफेक्ट को पेरोस्मिया कहा जाता है जिसमें सूंघने की क्षमता बिगड़ जाती है. ये लक्षण खासतौर से युवाओं और हेल्थवर्कर्स में पाया जा रहा है. डॉक्टर कुमार ने इस लक्षण को बहुत ही अजीब और अनोखा बताया है. डॉक्टर कुमार उन डॉक्टर्स की टीम में से एक हैं जिन्होंने मार्च के महीने में कोरोना वायरस के एक प्रमुख लक्षण के रूप में एनोस्मिया यानी सूंघने की क्षमता में कमी की पहचान की थी.

प्रोफेसर कुमार ने स्काई न्यूज को बताया कि UK में लंबे समय से एनोस्मिया का इलाज करा रहे कोरोना के हजारों मरीजों में से कुछ लोगों को पेरोस्मिया का अनुभव हो रहा है. उन्होंने बताया कि इन मरीजों को सूंघने की क्षमता भ्रमित हो रही है. ज्यादातर मरीजों को कुछ दुर्गंध आती रहती है जिसकी वजह से वो परेशान हो रहे हैं और इसका असर उनकी जिंदगी पर पड़ रहा है.

लॉन्ग कोविड यानी लंबे समय तक कोरोना वायरस के संक्रमण में रहने का असर कई हफ्तों और महीनों तक शरीर में रह सकता है. डॉक्टर कुमार इसे न्यूरोट्रॉपिक वायरस का रूप बताते हुए कहते हैं, ‘इस वायरस और सिर की नसों के बीच एक संबंध है, खासतौर से वो नसें जो गंध को पहचानने में मदद करती हैं. हालांकि, ये अन्य नसों को भी प्रभावित करता है. न्यूरोट्रांसमीटर हमारे मस्तिष्क को संदेश भेजने का काम करते हैं.’

डॉक्टर कुमार ने कहा, ‘कुछ लोग मतिभ्रम, सही से नींद ना आना, ठीक से सुनाई ना देने जैसे लक्षण बता रहे हैं. हम इसका सटीक कारण तो नहीं जानते हैं लेकिन इन मरीजों को ठीक करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.

लंदन के 24 साल के डैनियल सेवेस्की ने स्काई न्यूज को बताया कि मार्च के महीने में कोरोना वायरस होने के बाद दो हफ्ते तक उन्होंने अपने स्वाद और गंध की क्षमता खो दी थी और अब वो पेरोस्मिया से पीड़ित हैं. सेवेस्की ने बताया कि उन्हें सल्फर या टोस्ट जलने जैसी बदबू आती रहती है. सेवेस्की ने कहा कि वो अब पहले की तरह लुत्फ उठाकर खाना नहीं खा पाते हैं.

लिन कॉर्बेट नाम की एक अन्य महिला ने बताया कि कि मार्च के महीने में उनके स्वाद और गंध की क्षमता चली गई थी. जून के महीने में उनके सूंघने की क्षमता वापस आने लगी लेकिन ये पहले जैसी नहीं थी. कॉर्बेट कहती हैं, ‘मुझे ज्यादातर खराब गंध आती है जिसे मैंने पहले कभी नहीं महसूस किया था. मुझे कॉफी बहुत पसंद थी लेकिन अब उसमें से मुझे बीयर और पेट्रोल जैसी बदबू आती है.’

UK में  पेरोस्मिया के मरीजों के लिए स्मेल ट्रेनिंग नाम से कई थेरेपी भी चलाई जा रहीं हैं. इसमें मरीजों को हर दिन लगभग 20 सेकेंड के लिए गुलाब, नींबू, लौंग और नीलगिरी के तेल सूंघने के लिए दिए जाते हैं ताकि धीरे-धीरे उनमें सूंघने की क्षमता वापस लाई जा सके.

डॉक्टर कुमार ने कहा, ‘कुछ शुरुआती रिपोर्ट्स में पता चला है कि इस तरह की ट्रेनिंग से मरीजों को काफी मदद मिल रही है.’ उन्होंने कहा कि ज्यादातर लोगों को पहले की तरह अपनी स्वाद और गंध की क्षमता वापस मिल जाएगी.

Related Articles

Back to top button