साइबर एक्सपर्ट ने बताया WhatsApp की नई पॉलिसी ये फायदे…
दिल्ली पुलिस के साइबर क्राइम एक्सपर्ट और इंडियन साइबर आर्मी के चेयरमैन किसलय चौधरी कहते हैं कि व्हाट्सएप की नई पॉलिसी को लेकर उठाए जा रहे सवाल सही हैं लेकिन उसके जवाब पूरे दिया जाना जरूरी है. ऐसा न होने पर ही लोगों का डर बढ़ रहा है. हालांकि इस नई पॉलिसी से उस व्यक्ति को डरना नहीं चाहिए जो पहले से फेसबुक चला रहा है, उसकी जानकारी पहले से फेसबुक (Facebook) के पास है. अब उसके व्हाट्सएप की जानकारी भी फेसबुक के पास ही जाएगी.चौधरी कहते हैं कि इस पॉलिसी के बाद व्हाट्सएप फेसबुक जैसा हो जाएगा. वह व्हाट्सएप की जानकारी को उसी प्रकार बेचेगा या बेचने की संभावना होगी जैसा फेसबुक के बारे में कहा जाता रहा है. फेसबुक के पास भी यूजर की लोकेशन, उसकी गैलरी, फोन नंबर, फोन, बैंक खातों की जानकारी होती है. फेसबुक पर आपका किया गया एक क्लिक आपके बारे में जानकारी दे देता है. वहीं लोग खुद भी लोकेशन और तस्वीरें डालकर निजी जानकारियां शेयर करते हैं. अब व्हाट्सएप के साथ भी लगभग वही होगा. हालांकि वह फेसबुक की तरह पब्लिक नहीं होगा. बल्कि इसकी जानकारी संबंधित कंपनी के पास होगी. जहां तक आपके डेटा को बेचे जाने को लेकर सवाल है तो इसे लेकर अभी तक कोई ठोस तथ्य सामने नहीं आया है.
अपराध को पकड़ना हो सकता है आसान
किसलय कहते हैं कि पिछले कुछ दिनों में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ा है. वहीं फेसबुक हैकिंग के अलावा जो योजनागत क्राइम हैं उनकी तैयारी में व्हा्टसएप जैसे प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल की सूचनाएं मिलती रही हैं. व्हाट्सएप ग्रुप सहित वॉइस कॉलिंग जैसे अनरिकॉर्डेड सुविधाओं का लाभ अपराधियों ने उठाया है. अभी तक इसकी जानकारी के लिए जब पुलिस व्हाट्सएप से सूचना मांगती थी तो सात दिन के बाद बस आखिरी वाला आईपी एड्रेस मिलता था. इसके अलावा कुछ नहीं. ऐसे में अपराध का सुराग लगाना मुश्किल होता था.
साइबर एक्सपर्ट चौधरी कहते हैं कि पॉलिसी बदलने के साथ अब व्हाट्सएप भी पुलिस का मददगार होगा. जैसे फेसबुक से लोगों का डेटा, चैट मांगा जाता है और मिलता भी है, उसी प्रकार व्हाट्सएप की जानकारी भी पुलिस के साथ साझा हो सकेगी. इससे किसी भी मामले की छानबीन और निगरानी में पुलिस को लाभ होगा. हालांकि व्हाट्सएप ने साफ किया है कि लोगों की कॉलिंग और चैट पूरी तरह सुरक्षित रहेंगी.
किसलय कहते हैं कि आम लोग व्हाट्सएप पर अपनी सामान्य चीजें, फॉरवार्डेड मैसेज या जोक्स, बधाईयां, तस्वीरें, वीडियो , कॉलिंग आदि शेयर करते हैं. ऐसे में जिस डेटा के लीक होने के बारे में संदेह किया जा रहा है वह बहुत ज्यादा मायने नहीं रखता. जहां तक बात है डेटा बेचने की तो फेसबुक पर भी ये आरोप लगा है कि उसने डेटा बेचा है. इसके अलावा अन्य कई फ्री एप्लिकेशन हैं जो फोन में मौजूद जानकारी ले लेते हैं. चौधरी कहते हैं कि किसी भी एप के इस्तेमाल में सावधानी बरतने की जरूरत है. कोई भी पासवर्ड या जरूरी नंबर आदि सेव करके न रखे जाएं, बल्कि अलग से डायरी में लिखें. आपका फोन भी एक खुली किताब की तरह है. कोई भी एप्लिकेशन किसी भी तरीके से नुकसानदायक हो सकता है. वहीं कोई भी सुविधा लेने से पहले नियम और शर्तें ध्यान से पढ़ें. वे कहते हैं कि किसी भी पॉलिसी के दोनों पहलू होते हैं, इसकी भी कुछ चीजें लोगों के पक्ष में होंगी तो अपराधियों के खिलाफ होंगी.