अगर आपको भी है नाख़ून बढ़ने का शौक तो, जान लें यह बात

आज के समय में हर लड़कियों को अपने नाख़ून को बढाने लेकर बहुत ही उत्साहित रहती है वहीं लड़कियों को केवल चेहरे को सुंदर दिखाने का शौक नहीं होता है. बल्कि वो अपने हाथों-पैरों को भी खूबसूरत दिखाना चाहती हैं. इसके लिए नाखूनों को बढ़ाने के साथ ही उनमें रंग-बिरंगी नेलपेंट लगाती हैं. हालांकि ये नाखूनों के सुंदर होने से ज्यादा उनके साफ-सुथरे होने का ज्यादा महत्व है. नाखून केराटिन नामक एक कठोर प्रोटीन से बने होते हैं. ये पैर और हाथ की उंगलियों के संवेदनशील पोर की सुरक्षा करते हैं. नाखून वस्तुओं को उठाने में भी सहायता करते हैं. लेकिन कभी आपने सोचा है कि स्वास्थ्य संबंधी सलाह देने वाले लोग आपको समय-समय पर नाखून को काटते रहने के लिए क्यों कहते हैं? 

लड़कियों को केवल चेहरे को सुंदर दिखाने का शौक नहीं होता है. बल्कि वो अपने हाथों-पैरों को भी खूबसूरत दिखाना चाहती हैं. इसके लिए नाखूनों को बढ़ाने के साथ ही उनमें रंग-बिरंगी नेलपेंट लगाती हैं. हालांकि ये नाखूनों के सुंदर होने से ज्यादा उनके साफ-सुथरे होने का ज्यादा महत्व है. नाखून केराटिन नामक एक कठोर प्रोटीन से बने होते हैं. ये पैर और हाथ की उंगलियों के संवेदनशील पोर की सुरक्षा करते हैं. नाखून वस्तुओं को उठाने में भी सहायता करते हैं. लेकिन कभी आपने सोचा है कि स्वास्थ्य संबंधी सलाह देने वाले लोग आपको समय-समय पर नाखून को काटते रहने के लिए क्यों कहते हैं? 

आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि नाखून गंदे हैं, तो रोगाणु आसानी से उनके शरीर में जा सकते हैं और परिणामस्वरूप संक्रमण हो सकता है, इसलिए बच्चों के नाखूनों को समय-समय पर काटते रहना चाहिए. बच्चे कई बार खुजली से राहत देने के लिए खुद को खरोंचकर चोट पहुंचा लेते हैं. बच्चे अक्सर अपनी नाक को खरोंचते हैं और यदि उनके नाखून बड़े हैं, तो उनके नथुने में चोट लग सकती है और खून भी आ सकता है. बच्चों की त्वचा बहुत नाजुक और संवेदनशील होती है और यदि उनकी मां के नाखून लंबे हैं, तो उससे बच्चे को चोट लग सकती है. बच्चों के साथ-साथ उनकी देखभाल करने वाली माताओं को भी विशेष रूप से अपने नाखूनों की स्वच्छता का पर्याप्त ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि वे आमतौर पर खाद्य पदार्थों को संभालती हैं या शिशुओं के गंदे नैपी को धोती या बदलती हैं, तो आसानी से नाखून के नीचे सभी तरह के कीटाणुओं को आश्रय मिल सकता है.

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