चैत्र नवरात्रि के दौरान इन मन्त्रों का जाप से आप पा सकते हैं सिद्धि
चैत्र नवरात्रि का पर्व चल रहा है और आज चौथा दिन यानी माँ कुष्मांडा का दिन है। कहा जाता है चैत्र नवरात्रि के दौरान इन मंत्रों का जाप किये जाएं तो सभी काम बन जाते हैं। अगर आप पूरे 9 दिन जाप नहीं कर सकते तो अष्टमी और नवमी के दिन इन मन्त्रों का जाप जरूर करें।
* दुर्गा मंत्र- ॐ ह्रीं दुं दुर्गाय नमः।
मंत्र का फल – यह मंत्र सभी प्रकार की सिद्धियों के लिए प्रयोग होता है। इसके अलावा शक्तिमान, भूमिवान बनने के लिए इस मंत्र का प्रयोग किया जा सकता हैं।
* सरस्वती गायत्री मंत्र- ॐ ऐं वाग्देव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात्।
मंत्र का फल- इस मंत्र के जाप से विद्या की प्राप्ति होती है।
* लक्ष्मी गायत्री मंत्र – ॐ महादेव्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि, तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात्।
मंत्र का फल- इस मंत्र का जाप करने से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है।
* मां बगुलामुखी मंत्र – ॐ ह्रीं बगुलामुखी सर्व दुष्टानांम् वाचम् मुखम् पद्म स्तंभय जिह्वाम् किल्य किल्य ह्रीं ॐ स्वाहा।
मंत्र का फल – इस मंत्र का प्रयोग तांत्रिक सिद्धि प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
प्रभावशाली मंत्र माँ बगलामुखी
विनियोग -अस्य : श्री ब्रह्मास्त्र-विद्या बगलामुख्या नारद ऋषये नम: शिरसि।
त्रिष्टुप् छन्दसे नमो मुखे। श्री बगलामुखी दैवतायै नमो ह्रदये।
ह्रीं बीजाय नमो गुह्ये। स्वाहा शक्तये नम: पाद्यो:।
ॐ नम: सर्वांगं श्री बगलामुखी देवता प्रसाद सिद्धयर्थ न्यासे विनियोग:।
आवाहन- ॐऐं ह्रीं श्रीं बगलामुखी सर्वदृष्टानां मुखं स्तम्भिनि सकल मनोहारिणी अम्बिके इहागच्छ सन्निधि कुरू सर्वार्थ साधय साधय स्वाहा।
ध्यान- सौवर्णामनसंस्थितां त्रिनयनां पीतांशुकोल्लसिनीम्
हेमावांगरूचि शशांक मुकुटां सच्चम्पकस्रग्युताम्
हस्तैर्मुद़गर पाशवज्ररसना सम्बि भ्रति भूषणै
व्याप्तांगी बगलामुखी त्रिजगतां सस्तम्भिनौ चिन्तयेत्।
मंत्र- ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्रीं ओम् स्वाहा।