SC के बाहर खुद को आग लगाने वाली यूपी की दुष्कर्म पीड़िता की मौत, बसपा संसद पर लगाया था आरोप
नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की घोसी लोकसभा सीट से बसपा के सांसद अतुल राय के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने वाली 24 साल की पीड़िता ने भी अंतत: मंगलवार सुबह दम अस्पताल में तोड़ दिया। सुप्रीम कोर्ट के बाहर आग लगाने के बाद से युवती राम मनोहर लोहिया अस्पताल के बर्न वार्ड में पिछले 8 दिनों से वेंटीलेटर पर जिंदगी और मौत से जूझ रही थी। आग लगाने से वह 65 फीसद जूलस गई थी।
पुलिस के मुताबिक मंगलवार सुबह 11 बजे युवती की मौत हुई। राम मनोहर लोहिया अस्पताल में ही पोस्टमार्टम करवा शव उसके स्वजनों को सौंप दिया गया। चार दिन पहले हालात बिगड़ने पर पुलिस ने युवती की मां व भाई को दिल्ली बुला लिया था। शव को लेकर स्वजन दोपहर साढे तीन बजे बलिया स्थित पैतृक गांव के लिए निकल पड़े। युवती बलिया जिले के कोटवा नारायणपुर गांव की रहने वाली है। दो भाई बहन में युवती बड़ी थी। छोटा भाई दसवीं में पढ़ता है। पिता की कई साल पहले मृत्यु हो चुकी है। मां मानसिक तौर पर कमजोर है। शुरू से युवती ने अपनी पढाई आदि को लेकर खुद ही हर फैसला लेती रही।
वाराणसी के यूपी कालेज से उसने उच्च शिक्षा हासिल की। कालेज में ही उसकी गाजीपुर के सियाडी भांवरकोल गांव के रहने वाले छात्र नेता सत्यम प्रकाश से दोस्ती हुई। उसके बाद दोनों मिलजुल से फैसला लेते रहे। 26 वर्षीय सत्यम कालेज में उसका सीनियर था। वह अति महत्वाकांक्षी था। 2013 में सत्यम ने कालेज से उपाध्यक्ष पद का चुनाव जीता। 2016 में उसने भांवरकोल तृतीय से पचायत चुनाव लड़ा लेकिन हार गया। उसी के बाद से वह सांसद अतुल राय के साथ रहना शुरू कर दिया था। सत्यम ने युवती को भी कालेज से 2015 में महामंत्री का चुनाव लड़वाया लेकिन वह हार गई।
चूंकि सत्यम, सांसद के लिए काम करना कर रहा था इसलिए उसने सांसद से कहकर युवती को भी सांसद की टीम में रखवा लिया था।दोनों, सांसद के साथ रहने लगे थे। आरोप है कि एक मई 2019 को सांसद अतुल राय ने युवती को पत्नी से मिलवाने के बहाने उसे अपने साथ लेकर लंका स्थित एक अपार्टमेंट में परिचित के फ्लैट में ले जाकर दुष्कर्म कर दिया था। उसी दिन युवती ने सांसद के खिलाफ लंका थाने में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करा दिया था।
प्रयागराज स्थित एमपी एमएलए कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है। सांसद अभी नैनी जेल में बंद है। घटना के बाद सत्यम व युवती से सांसद का साथ छोड़ दिया था। दोनों पक्षों में एक दूसरे के खिलाफ मुकदमेबाजी शुरू हो गया। युवती के तरफ से तीन मुकदमा व सांसद के तरफ से भी दो मुकदमा दर्ज कराया गया। सांसद के भाई की याचिका पर सीजीएम कोर्ट के आदेश पर युवती व उसके पैरोकार सत्यम के खिलाफ हनीट्रैप व उगाही करने का मुकदमा दर्ज कराने पर कोर्ट ने जब दोनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर भगोड़ा भी घोषित कर दिया तब से दोनों भारी मानसिक दबाव में जहां तहां छिपकर रह रहे थे।
यूपी में जल्द न्याय न मिलता देख दोनों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सांसद के खिलाफ प्रयागराज में चल रही सुनवाई को दिल्ली में ट्रांसफर करने की गुहार लगा रहे थे। इसी सिलसिले में दोनों बीते 16 अगस्त को भी सुप्रीम कोर्ट आए थे। सुरक्षाकर्मियों ने जब उनके पास वैद्य दस्तावेज न होने के कारण अंदर जाने से रोक दिया था तब उन्होंने गेट नंबर डी के बाहर खुद पर ज्वलनशील पदार्थ उड़ेल आग लगा ली थी। दोनों को उपचार के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां डाक्टरों ने सत्यम को 70 फीसद व युवती को 65 फीसद झुलसा हुआ बताया था।
सत्यम की 20 अगस्त की देर रात 2.35 बजे मौत हो गई थी। आग लगाने से पहले दोनों ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर दस मिनट का फेसबुक लाइव किया था। जिसमें उन्होंने एसएसपी अमित पाठक, सीओ अमरेश सिंह, दरोगा संजय राय और उसके बेटे विवेक राय, पूर्व आइजी अमिताभ ठाकुर पर गंभीर आरोप लगाया था। इनकी वजह से न्याय न मिलने की बात कही थी।