उच्च ब्याज दरों के कारण अर्थव्यवस्था में मंदी के आसार
वॉल स्ट्रीट पर मंगलवार की सुबह कारोबार में तेजी दर्ज की गई। अमेरिकी कच्चे तेल की कीमतों में 2.8 फीसदी की वृद्धि के साथ ऊर्जा शेयरों में सबसे अधिक लाभ हुआ। एक्सॉन मोबिल 3.1 फीसदी चढ़ा। वहीं टेक शेयरों और खुदरा विक्रेताओं ने भी मुनाफा बढ़ाने में मदद की।
वॉल स्ट्रीट पर मंगलवार की सुबह कारोबार में तेजी दर्ज की गई। अमेरिकी कच्चे तेल की कीमतों में 2.8 फीसदी की वृद्धि के साथ ऊर्जा शेयरों में सबसे अधिक लाभ हुआ। एक्सॉन मोबिल 3.1 फीसदी चढ़ा। वहीं टेक शेयरों और खुदरा विक्रेताओं ने भी मुनाफा बढ़ाने में मदद की। इस दौरान एपल के शेयरों में 1.7 फीसदी और होम डिपो 1.8 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
अर्थव्यवस्था में मंदी के आसार
बाजार में विस्तारित मंदी के बीच मुनाफा दर्ज किया गया है। अब जब सितंबर में बस कुछ ही दिन बचे हैं, तो लोगों को डर सता रहा है कि यह महीना भी नुकसान ही देकर जाएगा। लोगों को आशंका है कि मुद्रास्फीति से लड़ने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली उच्च ब्याज दरें अर्थव्यवस्था को मंदी में डाल सकती हैं। दुनिया भर के केंद्रीय बैंक कर्ज को और अधिक महंगा बनाने और दशकों की सबसे बढ़ी हुई मुद्रास्फीति को शांत करने की कोशिशों में लगे हुए हैं। फेडरल रिजर्व इन दिनों खास तौर पर आक्रामक रुख अपनाए हुए रहा है। बैंक ने अपनी बेंचमार्क ब्याज दरे बढ़ा दी, जिसने बड़ी तादाद में उपभोक्ता और व्यावसायों को प्रभावित किया है।
विश्व के बाजारों में मंदी की आहट
केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बाद पिछले एक हफ्ते के दौरान अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन, जापान और चीन में मंदी की आहट साफ तौर पर सुनाई देने लगी है। पिछले 24 घंटो के भीतर दुनिया के दो बड़े आर्थिक संगठन आर्गेनाइजेशन फॉर इकोनमिक को-आपरेशन एंड डेवलपमेंट (ओईसीडी) और वर्ल्ड ट्रेड आर्गेनाइजेशन (डब्लूटीओ) ने कहा है कि विश्व मंदी की तरफ बढ़ चला है। भारत के वित्त मंत्रालय या आरबीआइ की तरफ से संभावित वैश्विक मंदी या इससे भारतीय इकोनमी पर असर को लेकर अभी सार्वजनिक तौर पर कोई बयान नहीं आया है लेकिन अंदरखाने इन दोनों एजेंसियों की पैनी नजर पूरे हालात पर है और इनके बीच इस बारे में विमर्श भी लगातार चल रहा है।