चीन की चालबाजी: चीनी रक्षा मंत्रालय ने सीमा विवाद के लिए भारत को ठहराया जिम्मेदार
भारत-चीन सीमा विवाद फिलहाल खत्म होता नहीं दिख रहा है. रूस में भारतीय और चीनी रक्षा मंत्री के बीच चली ढाई घंटे की बैठक के बावजूद चीन ने सीमा विवाद के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है. चीन ने धमकी की भाषा में कहा है कि चीनी सेना अपनी जमीन की रक्षा के लिए पूरी तरह से सक्षम है और प्रतिबद्ध है.
चीनी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव की वजह बिल्कुल साफ है, भारत इसके लिए पूरी तरह जिम्मेदार है. चीन की जमीन पर कब्जा नहीं किया जा सकता है, चीन की सेना क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने में सक्षम है.” इसके बाद भारतीय सेना की तरफ से बयान में कहा गया, “भारतीय सेना वीरों की सेना है, हर चुनौती के लिए सदैव तैयार है. हमारे लिए राष्ट्र सर्वोपरि है. भारतीय सेना हर चुनौती के लिए सक्षम, समर्थ है और पूर्णतया प्रभावशाली भी.”
पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में कई जगहों पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच चार महीने से गतिरोध की स्थिति है. पांच दिन पहले चीन ने पैंगोंग झील के दक्षिणी तटीय क्षेत्र में भारतीय क्षेत्र पर कब्जा करने की असफल कोशिश की थी जिसके बाद तनाव और बढ़ गया.
राजनाथ सिंह और चीन के रक्षा मंत्री के बीच 2 घंटे से अधिक समय तक हुई बातचीत
रूस में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंगही के बीच शुक्रवार को दो घंटे से अधिक समय तक बैठक हुई, जिसमें पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव को कम करने पर ध्यान केंद्रित रहा. वार्ता के दौरान सिंह ने पूर्वी लद्दाख में यथास्थिति को बनाए रखने और सैनिकों को तेजी से हटाने पर जोर दिया.
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने चीनी सेना के पैंगोंग झील के दक्षिण तट में यथास्थिति बदलने के नए प्रयासों पर कड़ी आपत्ति जताई और वार्ता के माध्यम से गतिरोध के समाधान पर जोर दिया. दो रक्षा मंत्रियों के बीच बातचीत का केंद्र लंबे समय से चले आ रहे सीमा गतिरोध को हल करने के तरीकों पर था. इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए विश्वास का माहौल, गैर-आक्रामकता, अंतरराष्ट्रीय नियमों के प्रति सम्मान तथा मतभेदों का शांतिपूर्ण समाधान जरूरी है.