शिया धर्मगुरु मौलाना सय्यद कल्बे जव्वाद नक़वी ने जताई नाराजगी, जानें क्यों …
लखनऊ,शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर अवैध कब्जे और वक्फ के अन्य मुद्दों के संबंध में गत दिनों शिया धर्मगुरु मौलाना सय्यद कल्बे जव्वाद नक़वी ने अपने आवास जौहरी मोहल्ले में प्रेस वार्ता का आयोजन कर कर्बला अब्बास बाग की भूमि पर हुए अवैध कब्जों पर नाराजगी जताते हुए प्रदर्शन किए जाने की अपील की थी। जिसका संज्ञान लेते हुए प्रशासन ने एक कमेटी का गठन कर जांच के आदेश दिए थे। जांच कमेटी अभी इस प्रकरण में जांच कर रही है लेकिन प्रश्न ये उठता है कि क्या अवैध कब्जे सिर्फ अब्बास बाग कर्बला की भूमि पर ही हैं ?
इस प्रश्न के उत्तर में कहना पड़ेगा की अवैध कब्जों की एक लंबी सूची है,जो संपूर्ण उत्तर प्रदेश की वक्फ संपत्तियों पर हैं। जिसके कई पूर्व चैयरमैन वा कंट्रोलर जिम्मेदार हैं।बहरहाल दूर जाने से पहले यदि इसी लखनऊ के अंगूरी बाग में स्थित फिरोजी मस्जिद की बेशकीमती भूमि की बात की जाए तो शायद चेयरमैन शिया वक्फ बोर्ड व शिया धर्मगुरू कल्बे जव्वाद नक़वी की आंखें खुल जाएं।
बताते चलें कि फिरोजी मस्जिद की लगभग चार से पांच हजार वर्ग फिट की भूमि, जिसकी कीमत लगभग डेढ़ करोड़ रुपए के आस पास है, पर अवैध कब्जा कोई और नहीं बल्कि धर्मगुरू सय्यद कल्बे जवाद नकवी के नजदीकी मीसम रिज़वी के जीजा रजा अब्बास किए हुए हैं। ये वो लोग हैं जो हर समय कल्बे जवाद नकवी की दहलीज पर विराजमान रहते है। ये लोग अपनी ताकत बढ़ाने के लिए शिया मातमी अंजुमनों की समय समय पर बैठक करते रहते है ताकि प्रशासन पर दबाव बना रहे और इनके नाजायज काम आसानी से होते रहें। बाकी कल्बे जव्वाद नकवी से संबंध की इनपर लगी मोहर भी इनको लाभ पहुंचाती रहती है।
सूत्रों के मुताबिक वक्फ फिरोजी मस्जिद की भूमि पर हो रहे अवैध निर्माण में जो मिस्त्री और लेबर काम कर रहे हैं वो भी दरगाह हजरत अब्बास के हैं। बताते चलें कि इस दरगाह के प्रशासक स्वय मीसम रिज़वी हैं । लेबर और मिस्त्री दरगाह के देकर मीसम अपने जीजा को सीधा लाभ पहुंचा रहा है । और उस लेबर मिस्त्री का खर्च दरगाह के खाते से लिया जा रहा है। इसी कारण दरगाह का लाखों रुपया कुछ महीने के अंदर खर्च कर दिया गया है । जिसका संज्ञान भी ईमानदार छवि के चैयरमैन शिया वक्फ बोर्ड अली जैदी ने लेते हुए नोटिस भी जारी किया था।जिस फिरोजी मस्जिद की भूमि पर आज कल अवैध रूप से निर्माण कार्य जारी है वो रजिस्टर -37 में वक्फ दर्ज है। इसी भूमि पर पूर्व में किए जा रहे अवैध निर्माण को रूकवाया गया था और प्रकरण लखनऊ हाईकोर्ट पहुंचा था, जहां से कोई रिलीफ वक्फ माफियाओं को नहीं मिला था।
भ्रष्ट मुतवल्ली की साथ गांठ से हो रहा है अवैध निर्माण
इस प्रकरण की जानकारी शायद चेयरमैन शिया वक्फ बोर्ड को नहीं है वरना अबतक अवैध निर्माण रुक चुका होता। लोगों का आरोप है कि फिरोजी मस्जिद के मुतवल्ली मिर्जा सरताज हुसैन ऊर्फ पप्पू ने रजा अब्बास से लाखों रुपया लेकर अपनी आंखें और जबान बंद कर ली है । यदि ऐसा नहीं होता तो सबसे पहले मुतवल्ली को इसकी जानकारी शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन को देनी चाहिए थी लेकिन आज तक उसने वक्फ बोर्ड को इस मामले में अंधेरे में रखा है। सूत्र बताते हैं कि इस मुतवल्ली ने पूर्व में वक्फ भू माफियाओं से मिलकर एक शपथ पत्र अदालत में उनके पक्ष में दाखिल किया है। अब देखना ये है कि बोर्ड इस मामले में क्या कार्रवाई करता है।
एलडीए नहीं कर रहा है कोई कार्रवाई
अंगूरी बाग में जिस समय भवनों का निर्माण जारी हुआ था उस समय ये शर्त लागू की गई थी कि कोई भी भवन स्वामी अपने भवन का छज्जा अवैध रूप से नहीं निकालेगा और न ही नगर निगम की भूमि पर कोई अवैध कब्जा किया जाएगा। इसी नियम के अंतर्गत लगभग डेढ़ सौ भवन स्वामियों ने अपने भवनों के निर्माण में इन बातों को ध्यान में रखते हुए निर्माण करवाया था लेकिन वक्फ की भूमि पर हुए निर्माण में इन शर्तों के विपरीत जहां सड़क की ओर छज्जा निकला गया वहीं नगर निगम की नाली पर भी कब्जा कर लिया गया।
इस मामले की शिकायत जियाउल नामक व्यक्ति ने अध्यक्ष लखनऊ विकास प्राधिकरण से लिखित रूप से की। एलडीए ने त्वरित मामले का संज्ञान लिया और एक इंजीनियर को जॉच के लिए भेजा । लेकिन रिश्वत लिए जाने के बाद काम किए जाने की हरी झंडी दे दी गई। शिकायत कर्ता जियाउल ने पुनः पूरे मामले की शिकायत की ,जिसके बाद एलडीए ने नोटिस चस्पा किया और विभाग ने अपनी अदालत में केस दर्ज कर लिया।लेकिन बावजूद इसके एक स्लैप डल गई और आजकल दीवारों पर प्लास्टर का काम युद्ध स्तर पर जारी है। सूत्रों की मानें तो इसपर आवासीय भवनों का निर्माण होने जा रहा है लेकिन एलडीए के जिम्मेदार अधिकारी रिश्वत लेकर चुप्पी साधे हुए हैं।