छह जनवरी 2021 को कैपिटल में दंगा मचाने के आरोपी को मिली सबसे लंबी सजा
छह जनवरी 2021 को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने कैपिटल परिसर में घुसकर तोड़फोड़ की थी। ट्रंप समर्थकों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के जवानों के बीच हिंसक झड़प भी हुई थी। इस घटना में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था। वहीं, अब इस घटना में शामिल एक आरोपी को सबसे लंबी सजा मिली है। पेंसिल्वेनिया का एक व्यक्ति को घटना के दौरान पुलिस पर काली मिर्च वाला स्प्रे छिड़कने के लिए और अन्य अपराधों में लिप्त होने के चलते 14 साल के कारावास की सजा सुनाई गई है। 6 जनवरी, 2021 के दंगे में दोषी पाए गए किसी भी व्यक्ति के लिए यह अब तक की सबसे लंबी जेल की सजा है।
पुलिस पर मिर्च-स्प्रे से किया छिड़काव
पीटर जे श्वार्ट्ज (Peter J. Schwartz) नाम के आरोपी ने 6 जनवरी को कैपिटल में हुए दंगों में जमकर उत्पात मचाया था। उसे पिछले साल दिसंबर में दोषी ठहराया गया था। फेडरेल कोर्ट में उसके अपराध साबित हुए थे। सबूतों से पता चला कि आरोपी कैपिटल के निचले पश्चिमी क्षेत्र की ओर मौजूद था। उसने वहां जमकर उत्पात मचाया था। आरोपी ने पहले पुलिस पर कुर्सी फेंकना शुरू किया था। उसके पास मिर्च-स्प्रे की बोतलें थी। आरोपी ने पुलिस पर इस स्प्रे का छिड़काव किया था। वहीं, उसने अपनी पत्नी सहित ये स्प्रे पुलिस पर छिड़कने के लिए भीड़ को सौंप दिए थे।
श्वार्ट्ज के साथ दो अन्य आरोपी भी शामिल
पेशे से एक वेल्डर, श्वार्ट्ज को फरवरी की शुरुआत में उसके घर यूनियनटाउन, पेंसिल्वेनिया से गिरफ्तार किया गया था। श्वार्ट्ज के साथ अन्य दो लोग जेफरी स्कॉट ब्राउन और मार्कस मैली भी दोषी पाए गए थे। यह तीनों ही आरोपी ही 6 जनवरी के दंगों में दोषी पाए जाने वाले सबसे पहले आरोपी थे। कैलिफोर्निया के रहने वाले ब्राउन को पिछले महीने 4 साल से अधिक की सजा सुनाई गई थी। वहीं, तीसरा आरोपी जेफरी स्कॉट ब्राउन को अभी सजा नहीं मिली है।
खतरनाक हथियार भी हुए बरामद
श्वार्ट्ज की पत्नी शैली स्टॉलिंग्स को पिछले महीने दो साल की कैद की सजा मिली थी। श्वार्ट्ज को हमले के चार मामलों में दोषी पाया गया था। उसके पास से पुलिस को खतरनाक हथियार भी बरामद हुए थे। पुलिस ने उस पर विभिन्न अपराधों में शामिल होने के चलते मामला दर्ज किया था। इन अपराधों में आधिकारिक कार्यवाही में बाधा डालना, खतरनाक हथियार के साथ प्रतिबंधित इमारत में प्रवेश करना और प्रतिबंधित इमारत में हिंसा में शामिल होना है।