मुस्लिम से शादी करने के बाद नमाज पढ़ने का बना रहे थे दबाव, फांसी के फंदे लटककर की आत्महत्या
लखनऊ के रहने वाले मोहम्मद आफताब से प्रेम विवाह करने वाली बनारस की पूजा पटेल ने शनिवार को भेलूपुर थाना क्षेत्र में फांसी के फंदे से लटक कर अपनी जान दे दी। परिजनों ने जहां इसके लिए पूजा के पति को दोषी ठहराया है वहीं स्थानीय लोग दबी जुबान में मामला लव जिहाद का बता रहे हैं। वहीं पूजा की मां किरण का आरोप है कि जब मोहम्मद आफताब की मां वाराणसी आयी, तभी मामला बिगड़ा। वह अपनी बहू पूजा से नियमित नमाज पढ़ने के लिए दबाव बनाती थी। जबकि बहू पूजा मायके धार्मिक मान्यताओं के अनुसार छठ का पर्व भी मनाने जाती थी। इसी वर्ष वह ससुराल लखनऊ ईद पर भी गयी थी। उसने अपने लड़के का हिन्दू नाम नक्ष ही रखा था। हालांकि पूजा ससुराल और मायके दोनों में ही बराबर समन्वय बनाकर रहती थी।
सपनों को पूरा करने के अरमानों पर फिरा पानी
परिजनों के अनुसार पूजा मार्च के आखिर में मुंबई अपने परिचित मित्र ईशान सिंह के पास एक्टिंग सीखने गई थी। कोरोना संक्रमण शुरु होने के बाद वह जून माह में अपने घर वापस आ गई थी। पति से कुछ दिनों बाद मुंबई दोबारा जाने के लिए जिद करने लगी तो उसका पति शराब पीकर उसे मारने पीटने लगा। वहीं फिल्मों में जाने के अपने सपनों को साकार करने के लिए पूजा जब जिद पर आ गई तो अपने पति से तलाक की बात भी करने लगी। परिजनों के अनुसार ससुराल पक्ष को बहू का खुलापन और फिल्मों में जाने और एक्टिंग करने की बात नागवार गुजर रहा था। वहीं पूजा की कई माॅडलिंग की तस्वीरें भी परिजनों ने दिखाई और कहा कि पूजा का सपना था कि वह सफल हो और अपना मुकाम हासिल करे मगर ससुरालियों की ओर से उसे नमाज पढ़ने को लेकर परेशान किया जा रहा था इस वजह से वह परेशान थी।
लव जेहाद का आरोप!
परिजनों की ओर से ससुरालियों पर पूजा से पांचों वक्त की नमाज पढ़ने का दबाव बनाने का आरोप लगाया जा रहा है। जबकि आजाद ख्याल पूजा सामंजस्य बनाकर रहने की कोशिश कर रही थी। वहीं स्थानीय लोगों के अनुसार पूजा शुरु से ही आजाद ख्यालों वाली लड़की रही है। लिहाजा अंतरधार्मिक विवाह को लेकर भी उसे कोई परेशानी नहीं थी। शादी के बाद सबकुछ बेहतर चल रहा था कि पूजा के खुद की पहचान बनाने की महत्वाकांक्षा ने उसे मुंबई की राह भी दिखा दी। लेकिन, धार्मिक रीति रिवाजों के पालन को लेकर दबाव वह शायद नहीं झेल पाई। दबी जुबान में लोग इसे लव जेहाद का भी मामला बता रहे हैं। वहीं परिजनों के अनुसार पूजा के लिए यही मुसीबत का सबब बन गई। पूजा के फिल्मों की ओर रुख करने को लेकर ससुराल पक्ष उसपर दबाव बना रहा था। इसके बाद से ही पूजा परेशान थी और आखिरकार उसने मौत को गले लगा लिया।
रात में लगाई फांसीबड़ी गैबी स्थित ईश्वर सोनकर के मकान में रथयात्रा में एक कपड़े की दुकान पर काम करने वाला आफताब सिद्दीकी अपनी पत्नी पूजा पटेल के साथ दो कमरे वाले किराए के मकान में रहता था। उस मकान में रहने वाले अन्य किरायेदारों ने बताया कि किसी बात को लेकर पति-पत्नी में खूब झगड़ा हुआ। पति अपनी तीन वर्षीय लड़के नक्ष के साथ दूसरे कमरे में चला गया जबकि पत्नी अन्य कमरे में सोने चली गई। इस दौरान पत्नी ने अंदर से दरवाजा बंद कर रखा था। किरायेदारों के अनुसार रात करीब 12 बजे पति जोर-जोर से पत्नी पूजा के कमरे का दरवाजा पीटने लगा। अचानक आधी रात को शोर सुनकर लोग बाहर आये। खिड़की से जब देखा गया तो पूजा पंखे के सहारे दुपट्टा लगाकर झूल चुकी थी। देर रात ही आनन-फानन में दरवाजा तोड़ा गया। स्थानीय लोग उसे लेकर पहले एक निजी चिकित्सालय गए बाद में कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पूजा की मां ने बताया कि उसकी सास उसपर नमाज पढ़ने के लिए बार- बार दबाव बनाती थी, यह बात उनको पूजा ने बताया था। पूजा ससुराल और मायके के रीति- रिवाजों में समन्वय बनाकर चल रही थी। वह मायके में आयोजित छठ पूजा में भी भाग लेती थी। इसी वर्ष वह ईद के अवसर पर लखनऊ स्थित ससुराल भी गयी थी। उसने अपने ढाई वर्षीय बेटे का हिन्दू नाम नक्ष रखा था। बताया कि ससुराल में ससुर का देहांत हो चुका है। सास अौर दो ननदों को पूजा फूटी आंख भी नहीं भाती थी। वे आफताब के रास्ते से उसे हटाना चाहते थे। पूजा के भाई आयुष ने बताया कि मेरी बहन मॉडल बनना चाहती थी। इसी सिलसिले में मुंबई भी गयी थी लेकिन लॉक डाउन के कारण लौट आयी। बताया कि उसके मॉडल बनने से बहनोई को कोई एतराज हालांकि नहीं था।