दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा, उफान ने पिछले 10 साल के रिकॉर्ड को किया पार
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। उफान ने पिछले 10 साल के रिकॉर्ड को पार कर दिया है। केंद्रीय जल आयोग के ऊपरी यमुना डिवीजन द्वारा सुबह 6:30 बजे के पूर्वानुमान के अनुसार, उफान के बुधवार को दूसरा बड़ा रिकॉर्ड बनाने की संभावना है क्योंकि सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच नदी का जल स्तर 207.35 मीटर तक पहुंच सकता है। सुबह 9 बजे तक यमुना का जलस्तर 207.32 मीटर था। 6 सितंबर, 1978 को यमुना का जल स्तर 207.49 मीटर के अपने उच्चतम रिकॉर्ड पर पहुंचा था। हालांकि इसके बाद जलस्तर ने कभी भी इस मार्क को पार नहीं किया है।
दस्तावेजों के अनुसार, पिछले 45 वर्षों में यमुना का जलस्तर 22 सितंबर, 2010 को 207.11 मीटर और 19 जून, 2013 को 207.32 मीटर तक पहुंच गया था। दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि नदी के उफान के कारण सभी जिले हाई अलर्ट पर हैं। सरकारी अधिकारियों ने उन छह जिलों से लोगों को बाहर निकालने का अभियान तेज कर दिया है, जहां से होकर राजधानी में यमुना बहती है। दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा, ‘अब तक कुल मिलाकर लगभग 8000-9000 लोगों को निकाला गया है। मध्य जिले में मठ क्षेत्र और बोट क्लब संवेदनशील पॉइंट हैं। हमने साइट पर राहत एवं बचाव कर्मियों की अतिरिक्त तैनाती की है। हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं।’
अधिकारी ने कहा, ‘पूर्वानुमान कहता है कि यमुना का जलस्तर 207.35 मीटर तक पहुंचेगा और उसके बाद स्थिर हो जाएगा।’ पिछले दो दिनों में यमुना के बाढ़ क्षेत्र में रहने वाले हजारों लोगों को पहले ही यमुना के किनारे की सड़कों पर स्थानांतरित कर दिया गया है क्योंकि नदी 206 मीटर पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। अधिकारियों के अनुसार, 204.5 मीटर के जल स्तर को ‘चेतावनी स्तर’ माना जाता है। 205.33 मीटर को ‘खतरे का स्तर’ और 206 मीटर को ‘निकासी स्तर’ माना जाता है।
आधी रात तक यमुना के निकासी स्तर को छूने की भविष्यवाणी के मद्देनजर अधिकारियों ने लोगों को बाहर निकालना शुरू कर दिया है। दिल्ली के विकास मंत्री गोपाल राय ने कहा कि अधिकारियों को विस्थापितों को सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘राहत और बचाव के लिए सरकार द्वारा लगभग 2,700 राहत केंद्र/तंबू स्थापित किए गए हैं, जिनमें लगभग 27,000 लोग रह सकते हैं। सरकार ने गीता कॉलोनी, मदनपुर खादर, गढ़ी मांडू, पल्ला, हिरंकी, यमुना बाजार और मयूर विहार जैसी जगहों पर आश्रय स्थल बनाए हैं।’