जगन्नाथ रथयात्रा में शामिल होना चाहते हैं, तो जान लें कैसे पहुंचे पुरी?


पुरी रथयात्रा जिसे श्री जगन्नाथ रथयात्रा भी कहते हैं 27 जून 2025 से शुरू होने जा रही है। भगवान जगन्नाथ बलराम और सुभद्रा अपनी मौसी के घर जाते हैं। दिल्ली से पुरी जाने के लिए आपको कई विकल्प मिल जाएंगे। टिकट और होटल की बुकिंग पहले से करा लें। इस यात्रा में शामिल होने से पुण्य मिलता है।
श्री जगन्नाथ रथयात्रा, जिसे पुरी रथयात्रा के नाम से भी जाना जाता है, इसका शास्त्रों में बड़ा महत्व बताया गया है। हर साल इस त्योहार का आयोजन ओडिशा के पुरी में किया जाता है। इस बार रथ यात्रा की शुरुआत 27 जून 2025 से हो रही है। इस यात्रा में लाखों भक्त शामिल होते हैं। बता दें कि इन दिनों भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी के घर जाते हैं।
इस यात्रा में शामिल होने का अपना ही महत्व है। अगर आप भी जगन्नाथ रथ यात्रा में शामिल होने की योजना बना रहे हैं तो ये लेख आपको जरूर पढ़ना चाहिए। हम आपको बताएंगे कि आप कैसे इस रथ यात्रा में शामिल हो सकते हैं। आइए जानते हैं विस्तार से –
मौसी के घर जाते हैं भगवान जगन्नाथ
इस साल जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत 27 जून से हो रही है। इसका समापन पांच जुलाई 2025 काे होगा। इस दौरान भगवान अपने गर्भगृह से निकलकर अपनी मौसी के घर जाते हैं।
दिल्ली से मिल जाएंगे कई विकल्प
अगर आप दिल्ली में हैं और इस यात्रा में शामिल होने की सोच रहे हैं तो आपको कई ऑप्शन मिल जाएंगे। आप ट्रेन या फिर फ्लाइट से भी जा सकते हैं। दिल्ली से Bhubaneswar के लिए आपको सब कुछ मिल जाएगा। इसके बाद आप कैब या प्राइवेट बस से पुरी तक आराम से पहुंच सकते हैं।
इन बातों का रखना होगा ध्यान
हालांकि, आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। इस पर्व में लाखाें लोग शामिल हाेने के लिए आते हैं। ऐसे में टिकट का किराया बढ़ सकता है। इसलिए आपको पहले से ही टिकट करा लेना चाहिए। वरना आपको हैवी अमाउंट पे करना पड़ सकता है। वहीं होटलों की बुकिंग भी पहले से करा लें।
अच्छी खासी पड़ती है गर्मी
वरना आपको ठहरने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि इस दौरान यहां जबरदस्त भीड़ देखने को मिलती है। ओडिशा में गर्मी भी अच्छी खासी पड़ती है। ऐसे में अगर आपके साथ बच्चे या बुजुर्ग हैं ताे उनकी जरूरत के मुताबिक सामानों को पैक कर लें। वहीं जरूरी दवाएं भी साथ रखें।
जगन्नाथ रथ यात्रा का महत्व
कहते हैं कि जो भी व्यक्ति इस रथ यात्रा में शामिल होते हैं उनके सभी पाप खत्म हाे जाते हैं। उन्हें पुण्य फल की प्राप्ति होती है। आपको बता दें कि इस यात्रा में सबसे आगे बलराम जी, बीच में बहन सुभद्रा और आखिरी में भगवान जी का रथ चलता है।