
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। रोजगार सृजन में जरी-जरदोजी, सुरमा, फर्नीचर, मेंथॉल जैसे परंपरागत उद्योगों की अहम भूमिका है। नवाचार और उन्नत तकनीक के इस्तेमाल से संवारकर इन्हें निर्यात योग्य बनाने की जरूरत है। बरेली के अर्बन हाट ऑडिटोरियम में शुक्रवार को आयोजित ‘अमर उजाला एमएसएमई फॉर भारत’ कॉन्क्लेव के दौरान वरिष्ठ उद्यमियों ने ये बातें कहीं।
प्रथम सत्र में सांसद छत्रपाल सिंह गंगवार ने कहा कि भारत को विश्व की चौथी अर्थव्यस्था बनाने में एमएसएमई की अहम भूमिका है। उद्यमियों की समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने कहा कि ओडीओपी की तरह एक ब्लॉक एक उत्पाद शुरू करने की योजना है, ताकि स्थानीय उद्योगों और उत्पादों को पहचान मिले। एसपी साउथ अंशिका वर्मा ने जिले की कानून-व्यवस्था को उद्यमियों के लिए अनुकूल बताया।
यहां यूपीसीडा के क्षेत्रीय प्रबंधक मंसूर कटियार, उपायुक्त उद्योग विकास यादव, सृष्टिपूर्ति वेलनेस के डायरेक्टर डॉ. नीरज सक्सेना समेत सीबीगंज, बहेड़ी औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमी, सेंट्रल यूपी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री सोसाइटी के पदाधिकारी, बांस-बेत, जरी, फर्नीचर, सराफा कारोबारी मौजूद रहे।