
अगर आप इस दिवाली कुछ अलग अनुभव करना चाहते हैं, तो वाराणसी से बेहतर जगह शायद ही कोई हो। बनारस की दिवाली सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि आध्यात्मिक अनुभव है। यहां दीपोत्सव के दौरान गंगा के घाटों पर हजारों दीयों की रोशनी, मंत्रोच्चार, आरती और लोक संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। दिवाली 2025 में काशी की यात्रा न केवल धार्मिक बल्कि आत्मिक सुकून देने वाली साबित हो सकती है। इस वर्ष दिवाली 20 अक्तूबर 2025 को ंमनाई जा रही है। आइए जानते हैं कि अगर आप दो से तीन दिन की कम बजट ट्रिप बनाना चाहते हैं, तो कैसे प्लानिंग करे।
बनारस यात्रा का पहला दिन
पहले दिन वाराणसी पहुंचते ही ठहरने के लिए बजट होटल या धर्मशाला चुनें। यहां दशाश्वमेध, अस्सी या गोदौलिया क्षेत्र में कई सस्ते विकल्प मिल जाएंगे। शाम को दशाश्वमेध घाट की गंगा आरती जरूर देखें। दीपों से सजी नावें, घंटियों की गूंज और मंत्रोच्चार आपको मंत्रमुग्ध कर देंगे। रात को घाट किनारे सादा बनारसी भोजन, खस्ता कचौड़ी, जलेबी, चाय का स्वाद लें।
दूसरे दिन की यात्रा
अगले दिन काशी विश्वनाथ दर्शन और दीपोत्सव अनुभव लेने के लिए सुबह जल्दी उठकर काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन करें। उसके बाद अन्नपूर्णा मंदिर, कालभैरव मंदिर और संकटमोचन हनुमान मंदिर भी जा सकते हैं। शाम को घाटों पर दीपोत्सव का भव्य आयोजन होता है। गंगा के तट पर दीयों की कतारें, आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम इस रात को अविस्मरणीय बना देते हैं।
तीसरे दिन की यात्रा
अगले दिन सारनाथ की आध्यात्मिक यात्रा करें, जहां भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था। वापसी से पहले विश्वनाथ गली से बनारसी साड़ी, पेठा, ठंडाई, और हस्तनिर्मित दीप खरीदें। यह यादें आपकी दिवाली को हमेशा खास बना देंगी।
वाराणसी यात्रा का खर्च
वाराणसीी के लिए देशभर से सस्ती ट्रेनें उपलब्ध हैं। बस या ट्रेन से आसानी से बजट ट्रिप पूरी की जा सकती है। इसके अलावा बनारस में एयरपोर्ट भी है, जहां पहुंचकर यात्रा पूरी की जा सकती है। दो रात और तीन दिन की यात्रा का खर्च लगभग 5000 से 7000 रुपये प्रति व्यक्ति तक हो सकता है। कम खर्च के लिए स्ट्रीट फूड और लोकल ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें। इसे खर्च आधा हो जाएगा।