वायु प्रदूषण बढ़ाता है स्ट्रोक और कैंसर का खतरा

हाल ही में जारी ‘स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2025’ रिपोर्ट एक चौंकाने वाली तस्वीर पेश की है- वायु प्रदूषण दुनियाभर में होने वाली लाखों अकाल मौतों का एक प्रमुख कारण बन गया है। यह रिपोर्ट बताती है कि वायु प्रदूषण अब सिर्फ एक “फेफड़ों की समस्या” नहीं रह गया है।

चौंकाने वाली बात यह भी है कि इससे होने वाली लगभग 90% मौतें नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज , जैसे- हार्ट डिजीज, स्ट्रोक, क्रॉनिक लंग डिजीज और फेफड़ों के कैंसर के कारण होती हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर वायु प्रदूषण कैसे मौत का कारण बन रहा है और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए?

वायु प्रदूषण कैसे बन रहा है मौत का कारण?

वायु प्रदूषण में PM 2.5, ओजोन, नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसे कण होते हैं, जिनमें सबसे खतरनाक PM 2.5 है। यह इतना छोटा होता है कि सीधे हमारे फेफड़ों की गहराई में पहुंच जाता है।

फेफड़ों में सूजन- PM 2.5 फेफड़ों के सेल्स में जाकर सूजन पैदा करता है।

पूरे शरीर में फैलता है संकट- यह सूजन सिर्फ फेफड़ों तक सीमित नहीं रहती। सूजन के संकेत खून के जरिए पूरे शरीर में फैल जाते हैं, जिससे पूरे शरीर में सूजन की स्थिति बन जाती है। यह सूजन आर्टरीज में जमे प्लाक को अस्थिर कर देती है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

ब्लड वेसल्स पर सीधा असर- प्रदूषक सीधे तौर पर हमारे ब्लड वेसल्स के कामकाज को बाधित करते हैं और खून के थक्के जमने की प्रक्रिया को भी प्रभावित करते हैं।

लंबे समय में होने वाले नुकसान- लंबे समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहने से दमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, फेफड़ों का कैंसर और हार्ट डिजीज जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जो अकाल मृत्यु का कारण बनती हैं।

वायु प्रदूषण से बचने के लिए 5 जरूरी बातें

AQI पर नजर रखें- अपने स्मार्टफोन के जरिए अपने आस-पास के इलाकों के AQI पर नजर बनाए रखें। जब भी AQI ‘खराब’, ‘बहुत खराब’ या ‘गंभीर’ श्रेणी में हो, बाहर एक्सरसाइज, दौड़ना या लंबी सैर जैसी आउटडोर फिजिकल एक्टिविटीज से बचें। सुबह-सुबह का समय भी प्रदूषण का स्तर ज्यादा हो सकता है, इसलिए सावधानी बरतें।

N95/ N99 मास्क का इस्तेमाल करें- बाहर निकलते समय साधारण कपड़े के मास्क की जगह N95 या N99 रेटेड मास्क पहनें। ये मास्क खतरनाक PM 2.5 कणों को काफी हद तक रोकने में सक्षम होते हैं।

घर के अंदर की हवा को शुद्ध रखें- बाहर के प्रदूषण से बचने का मतलब यह नहीं कि घर के अंदर की हवा शुद्ध है। धूल, केमिकल्स, कुकिंग से निकलने वाला धुआं भी अंदर की हवा को प्रदूषित कर सकता है। इसके लिए एयर प्यूरीफायर लगाएं, गीले कपड़े से डस्टिंग या सफाई करें, स्मोकिंग से परहेज करें और सुबह और शाम के वक्त खिड़की और दरवाजे बंद करके रखें।

सार्वजनिक परिवहन और कारपूलिंग को प्राथमिकता दें- गाड़ियों से निकलने वाला धुआं शहरी प्रदूषण का एक बड़ा कारण है। अपने निजी वाहन के बजाय मेट्रो, बस जैसे सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें।

अपनी डाइट में एंटी-ऑक्सीडेंट को शामिल करें- बैलेंस्ड और हेल्दी डाइट शरीर को प्रदूषण के दुष्प्रभावों से लड़ने में मदद कर सकता है। विटामिन-सी, विटामिन-ई और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर फूड्स खाएं। ये एंटी-ऑक्सीडेंट शरीर में प्रदूषण से पैदा होने वाले टॉक्सिन्स और सूजन को कम करने में सहायक होते हैं।

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