इस तरह करें भगवान कार्तिकेय को प्रसन्न, यहां पढ़ें पूजा विधि से लेकर आरती

स्कंद षष्ठी का पर्व का दक्षिण भारत में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान कार्तिकेय की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। माना जाता है कि इस दिन व्रत और पूजा-अर्चना करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं। इस दिन आप भगवान कार्तिकेय जी की विशेष पूजा व आरती मंत्र द्वारा कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

स्कंद षष्ठी पूजा विधि (Skanda Sashti Puja Vidhi)
स्कंद षष्ठी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं।
स्कंद भगवान का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।
एक चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर भगवान कार्तिकेय की मूर्ति या फिर तस्वीर स्थापित करें।
भगवान कार्तिकेय के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करें।
कार्तिकेय जी को फूल, चंदन, धूप, दीप और नैवेद्य आदि अर्पित करें और भोग के रूप में मिठाई अर्पित करें।
इस दिन पर आप भगवान कार्तिकेय जी को मोरपंख भी अर्पित कर सकते हैं।
अंत में स्कंद भगवान कार्तिकेय के मंत्रों व आरती का पाठ करें।

कृपा प्राप्ति के मंत्र –
कार्तिकेय गायत्री मंत्र – ओम तत्पुरुषाय विधमहे: महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कन्दा प्रचोद्यात:

ऊं शारवाना-भावाया नमः
ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा वल्लीईकल्याणा सुंदरा
देवसेना मनः कांता कार्तिकेया नामोस्तुते
ऊं सुब्रहमणयाया नमः

सफलता हेतु मंत्र –
आरमुखा ओम मुरूगा
वेल वेल मुरूगा मुरूगा
वा वा मुरूगा मुरूगा
वादी वेल अज़्गा मुरूगा
अदियार एलाया मुरूगा
अज़्गा मुरूगा वरूवाई
वादी वेलुधने वरूवाई

कार्तिकेय जी की आरती (Kartikeya ji ki Aarti)
जय जय आरती वेणु गोपाला
वेणु गोपाला वेणु लोला
पाप विदुरा नवनीत चोरा
जय जय आरती वेंकटरमणा
वेंकटरमणा संकटहरणा
सीता राम राधे श्याम
जय जय आरती गौरी मनोहर
गौरी मनोहर भवानी शंकर
सदाशिव उमा महेश्वर
जय जय आरती राज राजेश्वरि
राज राजेश्वरि त्रिपुरसुन्दरि
महा सरस्वती महा लक्ष्मी
महा काली महा लक्ष्मी
जय जय आरती आन्जनेय
आन्जनेय हनुमन्ता
जय जय आरति दत्तात्रेय
दत्तात्रेय त्रिमुर्ति अवतार
जय जय आरती सिद्धि विनायक
सिद्धि विनायक श्री गणेश
जय जय आरती सुब्रह्मण्य
सुब्रह्मण्य कार्तिकेय

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