नटखट कान्हा माखनचोर नहीं वो है चितचोर
मित्तल परिवार की ओर से न्यू गणेशगंज अमीनाबाद रोड पर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव एवं डिजिटल मूविंग झांकियों की श्रृखंला में रविवार को नटखट कान्हा की माखन चोरी की झांकी प्रदर्शित की गई। भगवान श्रीकृष्ण की सबसे अच्छी और प्यारी कोई बचपन की लीला है तो वह ’माखन चोरी लीला’ है। भगवान की अनेक लीलाए आपको सुनने के लिए मिल जाएगी। क्या भगवान को जरुरत है माखन चुराने की नहीं उनके घर में 9 लाख गायें थी। जिसके घर में इतनी गायें हो क्या वो माखन चुराने जायेगा। ये लीला बस गोपियों को आनंद देने के लिए की है।
जब कान्हा माता यशोदा की गोद में बैठकर माखन खाते तो गोपियां आपस में कहती थी अरी सखी, क्या कन्हैया कभी हमारे घर माखन खाने आयेगे ? दूसरी कहती थी मुझे नहीं लगता। क्योंकि जिनके पास इतनी गायें है तो हम जैसे गरीब के यहां क्यों माखन खाने आयेगे। भक्तां की पुकार भगवान सुनते है। कान्हा ने कहा गोपियों अब तो तुम्हारे घर ही आके माखन खाऊगा और तुम नहीं खिलाओगी तो चुरा चुरा के खाउगा। कन्हैयाजी ग्वालबालों संग गोपियों के घर में ओखली के ऊपर चढ़कर छीकों से माखन चोरी कर खाते है तथा सभी ग्वालबाल को बांटते है। तभी वहां पीछे दरवाजे से गोपियां झांक कर इस लीला को देखकर आनंदित होती है। मगर वास्तव में भगवान श्रीकृष्ण माखन चोर नहीं है वो तो चितचोर है।
जो उनकी लीला को देख ले वह देखता रह जाता है। संयोजक अनुपम मित्तल ने बताया कि सभी झांकियों की प्रतिमाआें को डिजिटल मूविंग और झांकी स्थलों व 50 फुट ऊंचा चार धाम द्वार को कलकतिया थ्रीडी लाइटों की रंगबिरंगी रोशनी से सजाया गया जिसे देखते बनता था। राधाकृष्ण का झूला विहार, क्षीर सागर में शेषनाग पर विराजमान भगवान विष्णु व लक्ष्मी संग विश्राम करते हुए, अगस्त्य मुनि के मुंह से जल अवतरण, 20 फुट ऊंचा शिवलिंग, राम दरबार, हनुमानजी के हदय से सियाराम के दर्शन की डिजिटल मूविंग झांकियां एवं कलकतियां एलईडी पैनलों की सजावट सभी श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींच रही थी। साथ ही धारा 370 हटाये जाने की खुशी में कश्मीर की पहाड़ियों के बीच लहराते तिरंगा और आग उगलते ड्रेगन के संग सेल्फी कार्नर में फोटो लेने के लिए होड़ मच रही थी। बंदर के संग करतब दिखाता मदारी भी बच्चों को रोमांचित कर रहा था। 26 अगस्त सोमवार को वकासुर का वध झांकी प्रदर्शित की जायेगी।