फ्रांस : रियायत देने के राष्‍ट्रपति मैक्रों के वादों के बावजूद प्रदर्शनों की आशंका

 फ्रांस में ‘येलो वेस्ट’ प्रदर्शनकारियों के शनिवार को हजारों की संख्या में सड़कों पर फिर से उतरने का अंदेशा है. इन प्रदर्शनों ने राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों की सरकार को काफी मुश्किल में डाल दिया है. मैक्रों ने हालांकि लोगों के गुस्से को शांत करने के लिए कर और भत्तों में रियायत देने की पांच दिन पहले घोषणा की है, लेकिन लोगों का आक्रोश कम होता नहीं दिखाई दे रहा.

चैम्प्स एलीसी में पिछले तीन शनिवार को उग्र प्रदर्शन हुए जहां लोगों ने अवरोधकों को आग के हवाले कर दिया. अभी तक सरकार विरोधी इन प्रदर्शनों को फ्रांस में अधिकतर लोगों का समर्थन हासिल था लेकिन रियायत देने संबंधी राष्ट्रपति के संबोधन के बाद मंगलवार को प्रकाशित दो सर्वेक्षणों में स्पष्ट है कि इन प्रदर्शनों को जारी रखने को लेकर देश की जनता विभाजित है.

गौरतलब है कि ईंधन कर में वृद्धि के विरोध में देश में 17 नवंबर से प्रदर्शन शुरू हुए थे लेकिन बाद में इनमें मैक्रों का व्यापार समर्थित एजेंडा और सरकार चलाने के तरीके के प्रति विरोध भी शामिल हो गया था. आंदोलन से जुड़े कई नेताओं और घोर वामपंथी अन्बोड फ्रांस पार्टी के नेताओं ने प्रदर्शनकारियों से खासतौर पर पेरिस में जमा होने की अपील की है ताकि और रियायत देने के लिये सरकार पर दबाव डाला जा सके.

मैक्रों ने शुक्रवार को कहा, ‘‘फ्रांस को शांति, व्यवस्था और सामान्य जनजीवन में वापस लौटने की जरूरत है.’’ हालांकि अपने संबोधन में उन्होंने यह नहीं कहा कि प्रदर्शनकारी घरों के अंदर रहें. शनिवार को राजधानी पेरिस में कम से कम 8,000 पुलिसकर्मी और 14 बख्तरबंद गाड़ियां तैनात रहेंगी.

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