पहले दिन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं को आश्वस्त किया
दिल्ली के रामलीला मैदान में शुक्रवार को शुरू हुई बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का आज अंतिम दिन है. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें समापन संबोधन देंगे. पहले दिन अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में कांग्रेस पर रोड़ा अटकाने का आरोप लगाते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं को आश्वस्त किया कि बीजेपी संविधान के तहत राम मंदिर के निर्माण के लिये कटिबद्ध है.
बीजेपी की राष्ट्रीय परिषद के अधिवेशन को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि 1950 से जो विचारधारा लेकर चले थे, उसी दिशा में बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि 2014 के चुनावी घोषणा पत्र में पार्टी ने रामजन्म भूमि पर मंदिर के निर्माण के संबंध में बात कही थी.
रामलीला मैदान में देशभर से बड़ी संख्या में आए पार्टी नेता, सांसद, विधायक एवं कार्यकर्ताओं के उद्घोष के बीच शाह ने कहा कि बीजेपी चाहती है जल्द से जल्द उसी स्थान पर भव्य राम मंदिर का निर्माण हो और इसमें कोई दुविधा नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रयास कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट में चल रहे केस की जल्द से जल्द सुनवाई हो. लेकिन कांग्रेस इसमें भी रोड़े अटकाने का काम कर रही है.’’
शुक्रवार को राष्ट्रीय परिषद की बैठक में कृषि प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें कृषि, किसान और कृषि क्षेत्र की मजबूती पर सरकार के कार्यों को रेखांकित किया गया है और सरकार के किसान-हितैषी’ कार्यों एवं कृषि क्षेत्र को मजबूती देने की दिशा में सफलता पूर्वक आगे बढ़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनंदन किया गया है.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने 2019 के लोकसभा चुनाव को दो विचारधाओं के बीच ‘युद्ध’ करार दिया और ‘पानीपत के तीसरे युद्ध’ से इसकी तुलना करते हुए कहा कि 2019 की लड़ाई ऐसी है जिसका असर सदियों तक होने वाला है और इसलिए इसे जीतना जरूरी है.
विपक्षी दलों के गठबंधन की पहल को ढकोसला करार देते हुए शाह ने कहा कि भाजपा गरीबों के कल्याण और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को आगे बढ़ा रही है जबकि विपक्षी दल केवल सत्ता के लिए साथ आ रहे हैं. भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, ‘‘2019 का चुनाव वैचारिक युद्ध का चुनाव है. दो विचारधाराएं आमने सामने खड़ी हैं। 2019 का युद्ध सदियों तक असर छोड़ने वाला है और इसलिए मैं मानता हूं कि इसे जीतना बहुत महत्वपूर्ण है.’’
उन्होंने कहा कि एक ओर 1950 से सांस्कृतिक राष्ट्रवाद एवं गरीब कल्याण की विचारधारा है. एक बड़ा तबका इसके साथ है. नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के दल एकजुट चुनाव के लिए खड़े हैं.