भारतीय मूल की पहली सीनेटर कमला हैरिस की दावेदारी से भारतीय-अमेरिकी समुदाय बेहद उत्साहित
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में डेमोक्रेटिक पार्टी का उम्मीदवार बनने के लिए भारतीय मूल की पहली सीनेटर कमला हैरिस की दावेदारी से भारतीय-अमेरिकी समुदाय बेहद उत्साहित है. वे हैरिस की दावेदारी की “अभूतपूर्व” घोषणा को गौरव का क्षण मान रहे हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 2020 के चुनावों में डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से चुनौती देने के लिए 54 वर्षीय हैरिस ने सोमवार को आधिकारिक तौर पर अपनी मुहिम शुरू की. उन्होंने कहा कि वह ऐसे दिन अपनी दावेदारी की घोषणा करके सम्मानित महसूस कर रही हैं जिस दिन अमेरिकी लोग महात्मा गांधी को प्रेरणास्रोत मानने वाले मार्टिन लूथर किंग जूनियर के नाम पर आयोजित दिवस का जश्न मना रहे हैं. ”
डेमोक्रेटिक पार्टी की उभरती नेता एवं राष्ट्रपति ट्रंप की मुखर आलोचक और पार्टी में हैरिस को ‘फीमेल बराक ओबामा’ कहा जाता है. हैरिस अगले साल होने वाले चुनाव में पार्टी की उम्मीदवारी की दौड़ में चौथी दावेदार हैं. इंडियास्पोरा के संस्थापक एवं प्रख्यात समाजसेवक एम आर रंगास्वामी ने बताया, “अपने किसी व्यक्ति को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवर बनते देखना भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए गर्व का क्षण है.”
‘इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट फंड’ ने कहा कि वह सीनेटर हैरिस की इस घोषणा से उत्साहित है. अगर 2020 में ट्रंप के खिलाफ वह चुनाव जीतती हैं तो अमेरिका के इतिहास में राष्ट्रपति बनने वाली पहली महिला होंगी. हालांकि इस समुदाय के सदस्यों ने आगाह किया कि नेता को समूचे भारतीय-अमेरिकी समुदाय के बारे में यह नहीं सोचना चाहिए कि वह उनका साथ देंगे ही.
इसके लिए समुदाय से समर्थन जुटाने की जरूरत है. सिलिकन वैली के रंगास्वामी ने कहा, ‘‘ किसी भी नेता को भारतीय-अमेरिकी समुदाय के बारे में यह सोचने की जरूरत नहीं है कि वह सोचता-समझता नहीं है. उन्हें यह नहीं सोचना चाहिए कि हम उन्हीं के पक्ष में हैं. हमारे पास एक हिंदू उम्मीदवार तुलसी गबार्ड भी है तो राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में हैं और वह समर्थन के लिए लोगों से संपर्क कर रही हैं.
हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में चुनी जाने वाली गबार्ड पहली महिला है और उन्होंने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में शामिल होने की घोषणा की है. भारतीय-अमेरिकी अमेरिकी जनसंख्या का एक फीसदी मत तय करते हैं और देश में तेजी से बढ़ रहा अल्पसंख्यक समुदाय हैं.