नौकरीपेशा वालों के लिए खास खबर, इस सरकारी स्कीम में PPF से पहले डबल हो जाएगा पैसा
हर व्यक्ति का निवेश को लेकर यही ख्याल होता है कि उसका पैसा सुरक्षित रहे और ज्यादा से ज्यादा रिटर्न मिलें. एक सर्वे से सामने आया है कि ज्यादातर नौकरीपेशा लोग पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में ज्यादा निवेश करते हैं. हर व्यक्ति का निवेश को लेकर यही ख्याल होता है कि उसका पैसा सुरक्षित रहे और ज्यादा से ज्यादा रिटर्न मिलें. एक सर्वे से सामने आया है कि ज्यादातर नौकरीपेशा लोग पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में ज्यादा निवेश करते हैं. यदि आप जॉब करते हैं और पीपीएफ से ज्यादा रिटर्न चाहते हैं तो आपके लिए वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) बेहतर विकल्प हो सकता है. इसमें पीपीएफ से ज्यादा ब्याज मिलता है और पीपीएफ से 9 महीने पहले आपका पैसा दोगुना हो जाता है.
ऐसे करें वीपीएफ में निवेश
वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) में निवेश करने के लिए आपको अलग से कोई अकाउंट खोलना जरूरी नहीं है. दरअसल यह कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की ही योजना है. इस योजना में इनवेस्ट करने वाले कर्मचारी अपनी इच्छा वेतन का कोई भी हिस्सा पीएफ खाते में जमा कर सकते हैं. लेकिन यह राशि सरकार की तरफ से तय की गई 12 प्रतिशत पीएफ की अधिकतम सीमा से ज्यादा होनी चाहिए.
निवेश की सीमा
पीपीएफ की तरह वीपीएफ भी रिस्क-फ्री और टैक्स फ्री इनवेस्टमेंट का ऑप्शन है. अगर आप अपना रिटायरमेंट प्लान कर रहे हैं तो वीपीएफ आपके लिए एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है. पीपीएफ में निवेश की सीमा सालाना 1.5 लाख रुपये तक होती है, जबकि वीपीएफ में ऐसी कोई लिमिट नहीं होती. इसमें निवेश करने के लिए अलग से किसी भी खाते की जरूरत नहीं है. कोई भी कर्मचारी मूल वेतन और डीए का 100 प्रतिशत योगदान वीपीएफ में कर सकता है.
ब्याज दर
वीपीएफ पर ब्याज दर ईपीएफ के बराबर ही मिलती है. फरवरी में सरकार की तरफ से ईपीएफ की ब्याज दर में 10 पैसे का इजाफा किया गया था. इस समय ईपीएफ के साथ ही वीपीएफ पर ब्याज दर बढ़कर 8.65 प्रतिशत है. क्योंकि वीपीएफ की राशि ईपीएफ अकाउंट में ही जमा होती है, इस कारण दोनों की ब्याज दर भी एक समान रहती है. दूसरी तरफ मौजूदा समय में पीपीएफ पर 8 प्रतिशत की ब्याज दर है.
आजकल निजी कंपनियों ने वीपीएफ की ऑनलाइन सर्विस देना शुरू दिया है. इससे आप अपना निवेश जरूरत के अनुसार घटा या बढ़ा सकते हैं. इतना ही नहीं आप इसे अपनी मर्जी के अनुसार बंद भी करा सकते हैं. लेकिन इसमें पैसा लॉक हो जाता है और उसे आप अपने रिटायरमेंट या नौकरी छोड़ने पर ही निकाल सकते हैं.