मियाद पूरी कर चुके लक्ष्मण झूला पुल पर गेट सुविधा से स्थानीय लोगों को कुछ मिली राहत…
मियाद पूरी कर चुके लक्ष्मण झूला पुल पर गेट सुविधा से स्थानीय लोगों को कुछ राहत मिली है। वहीं, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पुल पर दोबारा आवाजाही को विशेषज्ञों के सुझाव लिए जाएंगे।लोक निर्माण विभाग नरेंद्र नगर खंड की रिपोर्ट पर लक्ष्मण झूला पुल को आवागमन के लिए बंद करने के शासन ने आदेश जारी कर दिए थे। इस मामले में कांवड़ यात्रा को देखते हुए पुलिस प्रशासन और लोनिवि अधिकारियों के बीच मतभेद उभर कर सामने आए थे। अब विभाग ने पुल के दोनों छोरों पर प्लेट लगा दी, मगर तीन फुट का गेट खुला छोड़ा है। इससे लोगों को राहत मिली है।
लक्ष्मण झूला पुल को बंद किए जाने संबंधी आदेश शासन ने ऐसे वक्त में जारी किए जब कावड़ यात्रा सामने खड़ी थी। ऐसी स्थिति में पुलिस प्रशासन के समक्ष बड़ी चुनौती है। आइजी गढ़वाल अजय रौतेला दो दिन पूर्व जब बैठक लेने यहां आए तो उन्होंने लोनिवि के अधिशासी अभियंता मोहम्मद आरिफ खान से यही सवाल किया था कि पुल बंद करने के बाद क्या विकल्प है। इसका कोई जवाब नहीं मिला था।
वहीं, मंगलवार को एसएसपी टिहरी और एडीजी कानून व्यवस्था की बैठक में भी लक्ष्मण झूला पुल का मामला केंद्र बिंदु में रहा। दोनों ही बैठक में कांवड़ियों के लिए पुल बंद होने से उपजे हालात पर चर्चा हुई पुलिस प्रशासन ने किसी तरह से रामझूला पुल के जरिये व्यवस्था बनाने की योजना बनाई है। यह व्यवस्था कितनी कारगर साबित होती है। यह मेले के दौरान ही पता चल पाएगा।
बहरहाल, तपोवन के लक्ष्मणझूला चौक और लक्ष्मणझूला बाजार में शांति रही। पर्यटकों की कम आमद के कारण लक्ष्मण झूला का बाजार सूना नजर आया। कहीं भी धरना प्रदर्शन नहीं हुआ। स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर राहत है कि सोमवार की रात लोक निर्माण विभाग ने पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में झूला पुल के दोनों और प्लेट लगा दी है। इन प्लेट के बीच तीन फुट का रास्ता छोड़ा दिया है। इसी रास्ते से स्थानीय लोग आवागमन कर रहे हैं।
पौड़ी पुलिस प्रशासन चिंतित
लक्ष्मणझूला पुल से इस बार कांवड़ियों का नीलकंठ आगमन नहीं होगा। वे राम झूला पुल से स्वर्गाश्रम क्षेत्र में प्रवेश करेंगे। पौड़ी पुलिस प्रशासन इस बात को लेकर चिंतित है कि पिछले वर्ष तक लक्ष्मण झूला पुल से आगमन और राम झूला से वापसी होने के कारण कांवड़ियों की भीड़ छंट जाती थी। इस बार लक्ष्मणझूला क्षेत्र में कावड़िया नहीं पहुंच पाएंगे।
रामझूला पुल से आने वाले कांवड़िए सीधे नीलकंठ जाएंगे। नीलकंठ से यह कांवड़िए बैराज पुल और गरुड़ चट्टी पुल से वापसी करेंगे। यानी थाना लक्ष्मणझूला क्षेत्र की पुलिस को व्यापक स्तर पर भीड़ को नियंत्रित करना होगा। पुलिस उपाधीक्षक पौड़ी अनिल जोशी शीशम झाड़ी में एसएसपी टिहरी वाईएस रावत की बैठक में पहुंचे। उन्होंने बताया कि ऐसी स्थिति में उपजे हालात को लेकर अधिकारियों को अवगत कराया गया है।
दोबारा आवाजाही को विशेषज्ञों से लेंगे सुझाव: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दोहराया कि ऋषिकेश में लक्ष्मण झूला पुल उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर है। इसे संरक्षित रखने के यथासंभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पुल की सुरक्षा को ध्यान में ध्यान में रखते हुए इस पर आवाजाही दोबारा शुरू होने की स्थिति के संबंध में विशेषज्ञों से और सुझाव लिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि पुल को ठीक करने के सभी विषयों पर कार्य किया जाएगा और विशेषज्ञों की राय के बाद इसकी रेट्रोफिटिंग पर ध्यान दिया जाएगा। वर्तमान में इसका पिलर झुक रहा है। जनभावनाओं से जुड़े पुल को आधुनिक तकनीक से इसे कैसे ठीक किया जा सकता है, यह देखा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने उनसे मिलने आए ग्राफिक एरा विवि के विशेषज्ञों से बातचीत के दौरान उक्त बात कही। ग्राफिक एरा विवि के विशेषज्ञों ने कहा कि उनके संस्थान के तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा लक्ष्मणझूला का जीर्णोद्धार किया जा सकता है। ग्राफिक एरा के प्रो. पार्थो सेन ने कहा कि अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग कर पुल को बचाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आइआइटी के वैज्ञानिकों के तकनीकी अध्ययन एवं उनकी सलाह के मद्देनजर ही जनसुरक्षा की दृष्टि से लक्ष्मण झूला पुल पर आवाजाही बंद की गई है। फिर भी इसके संरक्षण में कोई तकनीकी जानकारी प्राप्त हो सकती है तो इस दिशा में पहल की जा सकती है।
इस कड़ी में उन्होंने ग्राफिक एरा विवि व लोनिवि के अधिकारियों को कार्ययोजना बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि आइआइटी की रिपोर्ट के हर पहलू का गहनता से अध्ययन किया जाए। सुरक्षा की दृष्टि से कोई भी लापरवाही नहीं बरती जाएगी।
कांवड़ में रामझूला होगा विकल्प
मुख्यमंत्री रावत ने कांवड़ यात्रा शुरू होने पर यात्रियों का उत्तराखंड में स्वागत करते हुए उनकी सफल यात्रा की कामना की है। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा के मद्दनजर सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। उन्होंने बताया कि कांवड़ यात्रा के दौरान ऋषिकेश में लक्ष्मण झूला पुल के विकल्प के रूप में रामझूला, आइडीपीएल पुल व मोहनचट्टी के डबल लेन पुल का उपयोग कांवड़ यात्री करेंगे। चारधाम यात्रा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग सुचारु हैं।