काम की बात : वैधता समाप्त होने से पहले बनवाना होगा डीएल
संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट के तहत ड्राइविंग लाइसेंस की व्यवस्था में पहली सितंबर से बदलाव कर दिया गया है। अब समयावधि समाप्त होने के बाद डीएल धारक को तत्काल लाइसेंस बनवाना होगा। एक माह का मिलने वाला ग्रेस पीरियड नए नियमों के तहत समाप्त कर दिया गया है। यानी समयावधि बीतने से पहले ही आवेदक को लाइसेंस बनवाना अनिवार्य होगा। डीएल की समयावधि बीतने के बाद अब तक लाइसेंस धारक को एक महीने का ग्रेस पीरियड दिया जाता था। ताकि इसमें आवेदक मौका निकालकर लाइसेंस का नवीनीकरण करा ले। अब इस समयावधि को समाप्त कर दिया गया है। एक्सपायर होने के बाद अब डीएल धारक को मौका नहीं मिलेगा।
टेस्ट प्रक्रिया में भी हुआ बदलाव
यही नहीं डीएल की समयावधि बीतने के बाद यानी एक्सपायर तिथि से पांच साल तक की अवधि में अगर लाइसेंसधारक अपना डीएल बनवाता है तो उसे टेस्ट छूट से राहत दी जाती थी। अब इसे घटाकर एक साल कर दिया गया है। अगर इस समयावधि में अपना लाइसेंस डीएल धारक नहीं बनवा सका तो उसे टेस्ट की प्रक्रिया से गुजरना होगा। यानी पांच साल की मिलने वाली छूट अब एक वर्ष ही रह गई है।
दूसरे जिले से भी बनवा सकेंगे डीएल
अगर व्यक्ति राज्य के किसी भी जिले का रहने वाला हो और वह अपना डीएल मौजूदा समय में रह रहे या सर्विस कर रहे जिले के आरटीओ कार्यालय से बनवाना चाहता है तो अब वह ड्राइविंग लाइसेंस बनवा सकेगा। इसके लिए उसे अपने स्थाई निवास वाले जिले में नहीं जाना पड़ेगा। बस आवेदक को अपने मूल जिले का प्रमाण देना होगा। उसी आधार पर डीएल जारी किया जाएगा। जिले की बाध्यता को भी पहली से खत्म कर दिया गया है।
डीएल पहुंचेगा मूल पते पर ही
डीएल जारी होने के बाद उसे मूल पते पर ही भेजा जाएगा। आवेदन के समय जिस पते को दर्शाया गया है डीएल उसी स्थान यानी जिले के निवास स्थान पर डाक से भेजा जाएगा। वहीं उप परिवहन आयुक्त आइटी सेल विनय कुमार सिंह ने बताया कि पहली सितंबर से डीएल के नियमों में भी बदलाव कर दिया गया है। डीएल के लिए जिलों की बाध्यता को खत्म कर दिया गया है। साथ ही ग्रेस पीरियड को समाप्त किया गया है।