
केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। 1 जनवरी 2026 से लागू होने वाले 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Pay Commission) की तैयारी शुरू हो गई है। सरकार ने इस संबंध में तेजी शुरू कर दी है। सरकार द्वारा वेतन की समीक्षा के लिए आठवें केन्द्रीय वेतन आयोग के गठन की योजना की घोषणा के छह महीने बाद, उसे कर्मचारी प्रतिनिधियों से सुझाव प्राप्त हुए हैं।
8th Pay Commission में सरकार से कर्मचारियों ने क्या मांग की?
कर्मचारी संगठनों ने सरकार को अपनी मांगों की एक लंबी सूची सौंपी है। इस मांगों पर विचार करने की अपील की गई है। कर्मचारी संगठनों की मुख्य मांगों में पुरानी पेंशन योजना की बहाली, कैशलेस इलाज की सुविधा, बच्चों की शिक्षा और छात्रावास का खर्च शामिल हैं।
कर्मचारी संगठनों ने मांग की है कि हथियार, रसायन, एसिड और विस्फोटक जैसी खतरनाक चीजों के निर्माण या भंडारण में काम करने वाले कर्मचारियों को जोखिम भत्ता और बीमा सुरक्षा प्रदान किया जाए।
रेलवे कर्मचारियों के लिए एक विशेष जोखिम और कठिनाई भत्ते की भी मांग की गई है, ताकि रोजाना जोखिम भरे माहौल में काम करने वालों को उनकी मेहनत और जोखिम के अनुसार मुआवजा मिल सके।
8वें वेतन आयोग की सिफारिशों का असर केंद्र सरकार के लगभग 45 लाख कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनभोगियों पर पड़ेगा। सरकार की ओर 8th Pay Commission की घोषणा तो कर दी गई है लेकिन अभी तक इसके गठन को लेकर कोई ऐलान नहीं किया गया है। कर्मचारी इसके इंतजार में है।
क्या 1 जनवरी 2026 से लागू होगा 8वां वेतन आयोग?
7वां वेतन आयोग दिसंबर 2025 में समाप्त हो रहा है। इस हिसाब से 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) जनवरी 2026 से ही लागू हो जाना चाहिए। हालांकि, अभी तक इसकी घोषणा ही नहीं हुआ।
आयगो की घोषणा के बाद इसकी सिफारिशों को लेकर केंद्र सरकार तय करेगी कि कर्मचारियों की सैलरी कितनी बढ़ाई जाए। भले ही इसमें देर हो लेकिन संभावना यह है कि कर्मचारियों को इसका लाभ जनवरी 2026 से ही मिलेगा।
8वें वेतन आयोग में कितनी बढ़ेगी सैलरी?
8वें वेतन आयोग को लेकर कई प्राइवेट फर्म ने अपनी-अपनी रिपोर्ट पेश की। अलग-अलग रिपोर्ट में अलग-अलग अनुमान लगाया गया है। सभी रिपोर्ट को मिला दिया जाए तो केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 30 से 35 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।