अफगान पुनर्निर्माण में सबसे बड़ा क्षेत्रीय योगदानकर्ता भारत: रिपोर्ट
कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (CRS) की ओर से अफगानिस्तान पर जारी किए गए नए रिपोर्ट में वहां भारत के योगदान का जिक्र किया गया है।
अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मुलाकात से पहले यह रिपोर्ट जारी किया गया था। इस रिपोर्ट का शीर्षक ‘अफगानिस्तान: बैकग्राउंड एंड यूएस पॉलिसी इन ब्रीफ’ है। न्यूयार्क में ट्रंप-मोदी की मुलाकात से इतर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अफगानिस्तान में अमेरिकी राजदूत जलमय खलीलजाद से मुलाकात की।
CRS के अनुसार, अफगानिस्तान के आर्थिक विकास में ट्रंप ने भारत को योगदान के लिए प्रोत्साहित किया है।
अफगान पुनर्निर्माण में भारत सबसे बड़ा क्षेत्रीय योगदानकर्ता है लेकिन इसने काबुल के साथ रक्षा संबंधों को मजबूत बनाने में रुचि नहीं दिखाई है। रिपोर्ट में कहा गया, ‘भारत अफगान पुनर्निर्माण में सबसे बड़ा योगदानकर्ता है लेकिन काबुल के साथ रक्षा संबंधों को बढ़ाने में नई दिल्ली की ओर से रुचि नहीं दिखाई गई है।’
CRS के अनुसार, अफगानिस्तान के आर्थिक विकास में ट्रंप ने भारत को योगदान के लिए प्रोत्साहित किया है।
अफगान पुनर्निर्माण में भारत सबसे बड़ा क्षेत्रीय योगदानकर्ता है लेकिन इसने काबुल के साथ रक्षा संबंधों को मजबूत बनाने में रुचि नहीं दिखाई है। रिपोर्ट में कहा गया, ‘भारत अफगान पुनर्निर्माण में सबसे बड़ा योगदानकर्ता है लेकिन काबुल के साथ रक्षा संबंधों को बढ़ाने में नई दिल्ली की ओर से रुचि नहीं दिखाई गई है।’
रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान में भारत की गतिविधियों ने पाकिस्तान को चिंता में डाल दिया है। इसमें कहा गया, ‘भारत के रणनीतिक घेराव को लेकर पाकिस्तान चिंतित है। वह अफगान तालिबान को अपेक्षाकृत मित्रवत और एक ऐसा भारत विरोधी तत्व मानता है, जिसपर वह भरोसा कर सकता है।’