जन जगारूकता दिवस के रूप मनाया गया विश्व गर्भनिरोधक दिवस
स्वास्थ्य विभाग द्वारा विश्व गर्भ निरोधक दिवस को आज जन जागरूकता दिवस के रूप में मनाया गया। इस दौरान जिला चिकित्सालय, महिला चिकित्सालय, राजकीय चिकित्सालय, प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर गर्भ निरोध के उपलब्ध स्थायी व आस्थाई साधनों के प्रति जागरूक किया गया। साथ ही युवा दम्पतियों को यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य पर परिवार नियोजन के विकल्पों की जानकारी देकर अपने परिवार के प्रति उचित निर्णय लेने के लिए जागरूक किया गया। यह कार्यक्रम गर्भनिरोधक विधियों के बारे में जागरूकता फैलाने और युवा दम्पत्तियों को उनके यौन व प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में सचेत करने के लिए विश्व व्यापी अभियान चलाया गया।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व नोडल डॉ. आरसी वर्मा ने कहा कि विश्व की जनसंख्या जिस तेजी से बढ़ रही है। उस ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के मकसद से ही हर साल 26 सितंबर को दुनियाभर में वल्र्ड कॉन्ट्रसेप्शन डे यानी विश्व गर्भनिरोधक दिवस मनाया जाता है। उन्होंने बताया गर्भनिरोधक दिवस के अवसर पर जिले की आशाओं द्वारा नव दम्पत्तियों को पहल किट उपलब्ध कराये जाने व उनमें परिवार नियोजन के बारे में जागरूक करने पर विशेष जोर दिया गया। इस दौरान जिले के विभिन्न चयनित स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर एएनएम और आशा के सहयोग से सास-बहू सम्मलेन का आयोजन हुआ, जिसमें सुई-धागा प्रतियोगिता, परिवार नियोजन से सम्बंधित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता कराकर प्रतिभागियों को पुरस्कार देने की भी व्यवस्था की गई ।
उन्होंने परिवार नियोजन का महत्व बताते हुये कहा कि परिवार नियोजन का मतलब यह तय करना है कि आपके कितने बच्चे हों और कब हो ? इसके लिए तमाम उपलब्ध साधनों में से कोई एक साधन चुन सकते हैं। इससे माताएं व बच्चे ज्यादा स्वस्थ रहते है वही जोखिम पूर्ण गर्भ की भी रोकथाम होती है। जब हम जीवन में प्रत्येक कार्य पहले प्लानिंग करके तब पूरा करते हैं तो परिवार का निर्माण करने जैसा महत्वपूर्ण कार्य को भी पति-पत्नी को आपस में सलाह-मशवरा करके करना चाहिए, इससे वह देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं। उन्होंने बताया अनियोजित प्रेग्नेंसी का दोनों पार्टनर के जीवन पर गहरा असर पड़ता है। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि गर्भनिरोधक साधनों का इस्तेमाल किया जाए क्योंकि किसी तरह के सुरक्षा के बिना अगर किया जाए तो सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज होने का भी खतरा रहता है ।
जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ मो जुवैर अंसारी ने बताया जनपद में अब तक परिवार नियोयन कार्यक्रम के तहत 774 महिलाओं व 3 पुरुषों ने स्थायी साधन को अपनाकर नसबंदी कराई। इसके साथ ही महिला व पुरुषों ने अस्थायी साधन भी अपनाए हैं । इसमें 2456 महिलाओं ने कॉपर टी, 1548 महिलाओं ने प्रसव पश्चात कॉपर टी, 2456 आईयूसीडी, 1548 पीपीआईयूसीडी,11 पीएआईयूसीडी, 13123 ओरल पी, 2534 ईसीपी व 1526 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन लगवाया है । 4516 महिलाओं ने छाया गर्भनिरोधक गोली ले चुकी हैं । 72795 पुरुषों ने गर्भनिरोधक साधन अपनाया है ।
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मिलती है प्रोत्साहन राशि:
जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया ईएसबी योजना (जन्म के समय अंतर सुनिश्चित करना) तथा प्रोत्साहन राशि के बारे में आशाओं को पुनः जानकारी प्रदान की गयी है ताकि नव दम्पत्तियों को उनके द्वारा परिवार नियोजन कार्यक्रम से जोड़ने की हर संभव कोशिश की जाए। ईएसबी योजना के तहत नव दम्पत्तियों को शादी के 02 साल बाद पहला बच्चा, पहले और दूसरे बच्चे के बीच 03 साल का अंतर और उसके पश्चात् नसबंदी करवाने का परामर्श देने के आधार पर आशाओं को प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जायेगा। साथ ही नसबंदी कराने वाले पुरुषों और महिलाओं को क्रमशः 3000 और 2000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसके अलावा पोस्टपार्टम स्टर्लाईजेशन (प्रसव के तुरंत बाद नसबंदी) कराने वाली महिलाओं को 3000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है, जबकि अस्थायी विधियों में प्रसव पश्चात आईयूसीडी एवं गर्भपात (स्वतः व सर्जिकल) उपरांत आईयूसीडी, जिसको सरल भाषा में कॉपर-टी कहा जाता है, के लिए लाभार्थी को 300 (दो फॉलो अप पर), अंतरा इंजेक्शन लगवाने पर 100 रुपये प्रति डोज की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसके अलावा अंतरा इंजेक्शन से संबन्धित समस्याओं के लिए महिलाएं हेल्पलाइन नंबर 1800-103-3044 पर काल कर उनका निराकरण कर सकती हैं ।