धनतेरस पर शुभ मुहुर्त जानकर करें पूजा और खरीदारी

इस साल 25 अक्टूबर यानी शुक्रवार को ‘धनतेरस’ का त्योहार मनाया जा रहा है। हिंदुओं में इस त्योहार पर सोने या चांदी के आभूषण और बर्तन, सिक्के खरीदना शुभ माना जाता है। इस दिन आरोग्य के देव धनवन्तरि, माता लक्ष्मी और धन-संपत्ति के कुबेर की दीपक जलाकर पूरे विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है।

ये है शुभमुहर्त-

हर साल कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। इस साल कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि 25 अक्टूबर, 2019 यानी शुक्रवार को पड़ रही है। ज्योतिषाचार्य पं. गणेश प्रसाद मिश्र के अनुसार धनतेरस का शुभ मुहुर्त 25 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 32 मिनट पर शुरू होकर अगले दिन 26 अक्टूबर, 2019 को दोपहर 02 बजकर 08 मिनट पर समाप्त हो रहा है। इसका मतलब इस बार धनतेरस दो दिन पड़ रही है और आपके पास खरीदारी के लिए भी दो दिन का समय है। अच्छे लाभ के लिए आप इसी मुहुर्त में खरीदारी करें।

इस बार राशि के अनुसार करें शॉपिंग-

मेष: इस राशि के लोगों के लिए धनतेरस को चांदी या तांबे के बर्तन खरीदना शुभ होगा।

वृष: वृष राशि वालों के लिए भी चांदी और तांबे के बर्तन खरीदना अच्छा रहेगा।

मिथुन: अगर आपकी राशि मिथुन है तो इस बार सोने की ज्वेलरी, स्टील के बर्तन और हरे रंग के गर के सामान खरीदना आपके लिए लाभकारी होगा।

मिथुन- अगर आपकी राशि मिथुन है तो इस बार सोने की ज्वेलरी, स्टील के बर्तन और हरे रंग के गर के सामान खरीदना आपके लिए लाभकारी होगा।

कर्क: चांदी की ज्वेलरी या बर्तन खरीदना कर्क राशि वालों के लिए अच्छा होगा।

सिंह: सिंह राशि वाले इस साल धनतेरस पर तांबे के बर्तन और नए कपड़े खरीदेंगे तो अच्छा रहेगा।

कन्या: गणेश की मूर्ति, सोने या चांदी की ज्वेलरी और कलश खरीदना धनतेरस पर फलदायी होगा।

तुला: तुला राशि वालो के लिए कपड़ें, सौंदर्य और चांदी या स्टील के बर्तन खरीदना लाभदायक होगा।

वृश्चिक: इस दिन इलेक्ट्रॉनिक सामान और सोने के आभूषण खरीदना अच्छा रहेगा।

धनु: धनतेरस पर सोन के आभूषण और तांबे के बर्तन खरीदना लाभकारी होगा।

मकर: कपड़े खरीदना और नए वाहन या चांदी के बर्तन की खरीदारी आपके लिए फायदेमंद होगा।

कुंभ: सौंदर्य के सामान, जूता चप्पल और सोने के आभूषण खरीदना कुंभ राशि वालों के लिए अच्छा होगा।

मीन: सोन के आभूषण और बर्तन खरीदना शुभ रहेगा।

क्यों मनाते हैं धनतेरस-

पुरानी मान्यताओं के अनुसार हिंदु धनवन्तरि की जयंती को धनतेरस के रूप में मनाते हैं। मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय भगवान धनवन्तरि अमृत कलश लेकर उत्पन्न हुए थे और इस दिन कार्तिक त्रयोदशी तिथि थी। भगवान धनवन्तरि देवताओं के वैद्य और महान चिकित्सक माने जाते हैं इसलिए इस दिन पूजा और औषधि दान करने का विधान है।

इस मंत्र का करें जाप-

धनतेरस पर भगवान धनवन्तरि की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाती है। इसके साथ ही अगर आप मंत्र का भी जाप करेंगे तो ये आपके लिए और भी ज्यादा फलदायी होगा। इस बार पूजा में  “ओम धन्वंतरये नमः॥” मंत्र का जाप जरूर करें।

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