HC ने नैनीताल जिले के निजी विद्यालयों की मनमानी व अंधेरगर्दी को लिया गंभीरता से….
हाई कोर्ट ने नैनीताल जिले के निजी विद्यालयों की मनमानी व अंधेरगर्दी को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने एनसीईआरटी की किताबों को विद्यालयों द्वारा अधिकृत दुकानों से ही खरीदवाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए निदेशक विद्यालयी शिक्षा व मुख्य शिक्षा अधिकारी नैनीताल को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट के जवाब तलब करने के से मनमानी करने वाले स्कूलों में खलबली मची हुई है।
स्टूडेंट गार्जियन टीचर वेलफेयर सोसाइटी अध्यक्ष ने भेजा है पत्र
दरअसल स्टूडेंट गार्जियन टीचर वेलफेयर सोसाइटी दमुवाढूंगा शीशमहल काठगोदाम के अध्यक्ष पंकज खत्री द्वारा मुख्य न्यायाधीश को शिकायती पत्र भेजा गया था। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्र्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने इस पत्र का जनहित याचिका के रूप में संज्ञान लिया है। जिसमें कहा गया है कि नैनीताल जिले के प्राइवेट स्कूल प्रबंधन अभिभावकों द्वारा खरीदी गई एनसीईआरटी की किताबों को नहीं माना जा रहा है। अभिभावकों से कहा जा है कि छात्रों की ड्रेस, स्कूल बैग, जूते और किताबें स्कूल द्वारा अधिकृत दुकानों से ही खरीदी जाएं। अन्य दुकानों से खरीदी किताबें मान्य नहीं होंगी। खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद विद्यालयी शिक्षा निदेशक व जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
जनहित याचिका में की गई मुख्य मांगें
- प्रत्येक वर्ष लिए जाने वाले प्रवेश शुल्क फीस वृद्धि पर रोक, फीस एक्ट लागू किया जाए
- कक्षा में छात्रों की संख्या सीबीएसई के मानकों के हिसाब से निर्धारित हो
- अवकाश के महीनों का शुल्क प्रतिबंधित हो
- प्रत्येक विद्यालय में बुक बैंक बने, छात्र अभिभावक संघ का गठन अनिवार्य हो
- पुराने छात्रों को किताबें जमा करने पर परीक्षा में दो फीसद बोनस अंक दिए जाएं
- पढ़ाई में कमजोर बच्चों के लिए विद्यालयों में काउंसलर नियुक्त हो
- कक्षा में पढ़ाते समय टीचर के लिए मोबाइल ले जाना प्रतिबंध हो
- विद्यालयों में पानी, स्वच्छ शौचालय, कूलर, जेनरेटर, सीसीटीवी, कंप्यूटर, लाइब्रेरी, खेल मैदान व प्राथमिक उपचार की सुविधा हो
- टीचिंग स्टाफ का वेतन सीबीएसई के मानकों के हिसाब हो
- निजी विद्यालयों द्वारा रिफ्रेंश बुक के नाम पर लगाई जा रही निजी प्रकाशकों की किताबें प्रतिबंधित हों
- शिक्षकों द्वारा छात्रों को कोचिंग क्लास के लिए बाध्य ना किया जाए
- स्कूल के आसपास सौ मीटर दायरे में पान गुटखा तंबाकू की बिक्री प्रतिबंधित हो