हिसार एयरपोर्ट पर जल्द ही उड़ान हो सकती है शुरू, 20 नवंबर से पड़ी बंद, अब दिल्ली पहुंची फाइल
हिसार एयरपोर्ट पर जल्द ही उड़ान शुरू हो सकती है। पिछले लंबे समय में पर्यावरण क्लीयरेंस को लेकर चल रही कागजी कार्रवाई सिविल एविशन डिपार्टमेंट ने पूरी कर ली है। एयरपोर्ट पर पर्यावरण क्लीयरेंस को लेकर फाइलें दिल्ली स्थित नागरिक उड्डयन मंत्रालय को भेज दी हैं। मंत्रालय में सब कुछ ठीक रहा तो यह परमिशन भी हिसार एयरपोर्ट को मिल जाएगी। पर्यावरण विभाग की मंजूरी मिलते ही एयरपोर्ट पर रनवे विस्तार का टेंडर खुल जाएगा। इसके अलावा एयरपोर्ट पर लाइटिंग लगाने का टेंडर भी ओपन हो चुका है और उसका काम जल्द शुरू हो जाएगा।
वहीं दूसरी ओर स्पाइस जेस कंपनी ने हिसार से उड़ान शुरू करने के लिए तीन हवाई जहाज खरीदे हैं। जिसमें 19-19 यात्रियों के बैठने का प्रबंध रहेगा। इसके साथ ही सभी सुविधाओं से लैस यह जहाज होंगे। इन प्लेन के साथ पांच स्थानों के लिए फ्लाइट शुरू की जा सकती हंै। इसमें जयपुर, दिल्ली, देहरादून, चंडीगढ़ शहर शामिल हैं। हिसार एयरपोर्ट पर अभी तक दृश्यता कम होने के कारण फ्लाइट स्थगित चल रही है।
20 नवंबर से बंद पड़ी है उड़ान
20 नवंबर 2019 से एयरपोर्ट से उड़ाने बंद पड़ी हैं। हिसार एयरपोर्ट को हरियाणा सरकार तीन चरणों में विकसित करना चाहती है। पहला चरण पूरा हो चुका है मगर दूसरा चरण शुरू करने से पहले एन्वायरमेंट क्लीयरेंस लेना जरूरी है। इसके लिए सरकार प्रयासरत है। इसके अलावा भविष्य की योजनाओं को देखते हुए यहां कारगो जहाजों से सामान लोड व अनलोडिंग के लिए ड्राइपोर्ट बनाने का प्लान तैयार किया गया है। करीब 514 हेक्टेयर में ट्रांसपोटस के लिए ड्राइपोर्ट का निर्माण किया जाएगा। जिला नगर योजनाकार विभाग ने इसके लिए खाका तैयार कर लिया है। वहीं एयरपोर्ट के साथ लगती जमीनों का सीएलयू भी विभाग द्वारा नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही एयरपोर्ट के पास ही ट्रांसपोर्ट जोन बनाया जाएगा और सड़कों की कनेक्टिविटी को और बढ़ाया जाएगा।
सरकार इस तरह बनाएगी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट
हरियाणा सरकार हिसार एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के रूप में विकसित करना चाहती है। प्रदेश सरकार ने पहले ही 4200 एकड़ भूमि का अधिगृहण कर लिया है और 3200 एकड़ जमीन ट्रांसफर करने का प्रोसेस चल रहा है। यहां तीन हैंगरों का निर्माण किया गया है। हिसार एयरपोर्ट पर एक बड़ा एप्रन, छोटे यात्री ट्रमिनल, ए-320 प्रकार के विमानों को समयोजित करने की व्यवस्था होगी। डोमेन विशेषज्ञों का एक संयुक्त कार्य समूह का भी गठन किया गया है, जो एविएशन हब के विकास को लेकर समय-समय पर प्रदेश सरकार का मार्गदर्शन करती रहती है। प्रस्तावित हब में अंतरराष्ट्रीय मानकों के हवाई अड्डा के साथ-साथ 9000 फुट रनवे, एयरलाइंस, जनरल एविएशन, ऑप्रेटरों के लिए पर्याप्त पार्किंग, रख-रखाव, मरम्मत, ओवर हॉलिंग की सुविधाएं, एयरो स्पेस विश्वविद्यालय, पायलट, इंजीनियरों और ग्राउंड हैंडलिंग स्टाफ के लिए ग्लोबल ट्रेडिंग सेंटर और आवासीय व वाणिज्यिक विकास की व्यवस्था होगी।
—-पर्यावरण क्लीयरेंस को लेकर चल रही कागजी कार्रवाई सिविल एविशन डिपार्टमेंट ने पूरी कर ली है। एयरपोर्ट पर पर्यावरण क्लियरेंस को लेकर फाइलें दिल्ली भेज दी गई हैं। जल्द ही पर्यावरण विभाग की मंजूरी मिल जाएगी।