Uttrakhand Budget Session 2020 सरकार गैरसैंण में अपना चौथा बजट करेगी पेश
त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार आज गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में अपना चौथा बजट पेश करेगी। माना जा रहा है कि करीब 54 हजार करोड़ के इस बजट में सरकार का मुख्य फोकस रोजगार, स्वरोजगार को बढ़ावा देने, आजीविका के साधनों को बढ़ाने के साथ ही ग्रामीण और शहरी अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर रहेगा।
वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए बजट बुधवार को शाम चार बजे सदन के पटल पर रखा जाएगा। नए वर्ष के लिए बजट आकार में बीते वर्ष की तुलना में करीब 10 से 15 फीसद की वृद्धि हो सकती है। वर्ष 2018 में इन्वेस्टर्स समिट के बाद की अब तक की अवधि में सरकार ने पूंजी निवेश के प्रस्तावों को अमलीजामा पहनाने में जुटी है। काफी संख्या में नए उद्योगों की स्थापना का रास्ता साफ हो चुका है। इनमें से कुछ उद्योग आगामी छह माह के भीतर राज्य में उत्पादन शुरू कर सकते हैं। ऐसे में बजट में उद्योगों को तरजीह मिलने के संकेत हैं।
पिछले वर्ष 48663 करोड़ और फिर 2533 करोड़ का अनुपूरक बजट विधानसभा में पेश किया गया था। बजट में नए करों को जनता पर लगाने की सरकार की योजना नहीं है। यह विकासोन्मुखी हो सकता है। शिक्षा, उच्च शिक्षा के साथ ही स्वास्थ्य, ग्राम्य विकास, शहरी विकास, कृषि, ग्रामीण सड़कें, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, जलशक्ति मिशन पर नए बजट पर जोर रहेगा। जमरानी परियोजना के साथ ही हरिद्वार में महाकुंभ योजना के लिए बजट प्रविधान होना है। महाकुंभ के तमाम निर्माण कायोँ को नए वित्तीय वर्ष में ही पूरा किया जाना है। राज्य सरकार को उम्मीद है कि महाकुंभ के लिए उसे केंद्र से पर्याप्त वित्तीय मदद मिलेगी।
उधर, कार्यमंत्रणा समिति की मंगलवार को बैठक में बुधवार तीन मार्च से लेकर सात मार्च तक कार्यक्रम तय किया है। बुधवार को बजट पेश किया जाएगा, जबकि पांच मार्च यानी गुरुवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी। इसके बाद आय-व्ययक पर भी चर्चा होगी। शुक्रवार छह मार्च को वित्त, वाणिज्य कर, स्टांप एवं निबंधन, मनोरंजन कर, संसदीय एवं विधायी कार्य, निर्वाचन आबकारी, सिंचाई, लघु सिंचाई, सहकारिता, पर्यटन, औद्योगिक विकास, शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, खेल, युवा कल्याण, वन, कृषि, पेयजल, शहरी विकास, परिवहन, समाज कल्याण व नागरिक उड्डयन की विभागीय अनुदान मांग पर चर्चा कर इसे पारित किया जाएगा। शनिवार सात मार्च को पशुपालन, मत्स्य पालन, श्रम, सेवायोजन, आवास व मुख्यमंत्री से संबंधित विभागों की अनुदान मांग पर चर्चा होगी और इन्हें पारित किया जाएगा।