हरियाणा जारी है सियासी जंग, उपचुनाव के बहाने सीएम मनोहरलाल और दुष्यंत चौटाला से टक्कर लेने को तैयार है हुड्डा
अनलॉक एक के साथ ही हरियाणा में भाजपा-जजपा कांग्रेस अहरियाणा के सोनीपत जिले की बरौदा विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर जोड़तोड़ शुरू हो गई है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा की जोड़ी इस उपचुनाव के बहाने सीएम मनोहरलाल और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से टक्कर लेने को तैयार है। हुड्डा समर्थक कांग्रेस विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा के निधन की वजह से यह सीट खाली हुई है। वैसे तो लॉकडाउन के दौरान कई मौके ऐसे आए, जब हुड्डा और सैलजा विभिन्न मुद्दों पर अलग-अलग दिखाई पड़े, लेकिन हुड्डा और सैलजा की जोड़ी बरौदा सीट को किसी सूरत में कांग्रेस के हाथ से नहीं जाने देना चाहती है। इसके लिए रणनीति पर काम शुरू हो गया है।
अनलॉक-वन शुरू होते ही बरौदा विधानसभा उपचुनाव जीतने की रणनीति बनाने में जुटे दल
जाट बाहुल्य बरौदा विधानसभा सीट ऐसी है, जिस पर सत्तारूढ़ भाजपा और जजपा गठबंधन के साथ-साथ इनेलो की भी निगाह टिकी हुई है। यह सीट पिछले काफी समय से कांग्रेस के कब्जे में रही, लेकिन इसे परंपरागत रूप से इनेलो की सीट माना जाता है। बरौदा में इनेलो प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला का काफी वर्चस्व रहा है, जिसे पिछले कई सालों से हुड्डा ने हथिया लिया था। अब इनेलो का वोटबैंक काफी हद तक बंट चुका है। कुछ वोट इनेलो के साथ ही है तो कुछ भाजपा की सहयोगी जननायक जनता पार्टी के साथ चला गया है। ऐसे में भाजपा चाहेगी कि इस सीट को हर हाल में जीत लिया जाए।
भाजपा व जजपा में उम्मीदवार को लेकर असमंजस, इनेलो भी दिखाएगा इस बार पूरा दमखम
भाजपा व जजपा में इस बात को लेकर अभी गफलत है कि उम्मीदवार कौन सी पार्टी उतारेगी। हालांकि इन दोनों दलों का मिलकर लडऩा तय है, लेकिन उम्मीदवार के नाम और पार्टी चुनाव चिन्ह को लेकर अभी फैसला होना बाकी है। भाजपा ने पिछली बार यहां से अंतरराष्ट्रीय पहलवान योगेश्वर दत्त को चुनावी रण में उतारा था। कांग्रेस के श्रीकृष्ण हुड्डा चुनाव जीत गए थे।
बरौदा में कर्पूर नरवाल ऐसे उम्मीद हैं, जिन पर हर राजनीतिक दल की निगाह टिकी हुई है। कांग्रेस के लिफाफे में हालांकि अंतरराष्ट्रीय पहलवान सुशील का नाम भी है, लेकिन कांग्रेस, जजपा, भाजपा और इनेलो चारों राजनीतिक दल चाहते हैं कि यदि कपूर नरवाल उनके पार्टी सिंबल पर लड़ लें तो बात बन जाए। अब देखने वाली बात यह है कि कपूर नरवाल इन चारों दलों में से किसको चुनते हैं।
बरौदा सीट को लेकर सबसे ज्यादा प्रतिष्ठा पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की दांव पर लगी है। हुड्डा इस चुनाव को जीतने के लिए सैलजा व रणदीप के साथ कुलदीप बिश्नोई का भी सहयोग लेंगे। हर किसी को साथ लेकर चलने की बात कहने वाली हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी सैलजा हालांकि मामूली मनमुटाव को अपनी प्रतिष्ठा का सवाल नहीं बनाती, लेकिन बरौदा की जीत को लेकर माना जा रहा है वह हुड्डा के साथ बिना किसी लाग लपेट के चल पड़ेंगी। अभय सिंह चौटाला बरौदा में अशोक तंवर का सहयोग लेने के साथ ही बसपा के पुराने वोट बैंक पर निगाह लगाए हुए हैं।
‘भाजपा बताए गोहाना को जिला बनाने की क्या जल्दी
” भाजपा सरकार बरौदा उपचुनाव के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रही है, लेकिन कांग्रेस वहां पहले भी जीत हासिल करती रही है और चुनाव होने पर कांग्रेस ही जीत हासिल करेगी। आपदा की इस घड़ी में ऐसी क्या जरूरत पैदा हो गई कि सरकार गोहाना को जिला बनाने की तैयारियों में जुटी है जबकि इस समय चुनाव की चिंता छोड़ सरकार को भूख से मरते लोग, काम धंघे बंद होने से परेशान व्यापारियों और फसल खरीद न होने और अदायगी रूकी होने से परेशान किसानों की सुध लेनी चाहिए थी।
‘उपचुनाव काफी दूर है मगर जीतने के लिए लड़ेंगे’
”हम राजनीतिक दल हैं, इसलिए बरौदा विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए तैयारी स्वाभाविक है, लेकिन अभी यह काफी दूर है। हमारा जोर फिलहाल प्रदेश को हर लिहाज से पटरी पर लाने में है। प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं। लाखों कामगार काम पर लौट चुके हैं। सामान्य गतिविधियां सुचारू हो गई हैं। केंद्र की मोदी सरकार और हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार इस क्राइसेस में भी जनता के हित के बखूबी काम कर रही है। जब चुनाव का समय आएगा तो हम बखूबी इसे लड़ेंगे और जीत हासिल करेंगे।