बारिश के मौसम में गर्भवती महिलाओं को इन 5 बातों का जरुर रखना चाहिए ध्यान

बारिश की शुरुआत के साथ लोगों को खुद का ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत होती है. वे महिलाएं जो गर्भवती हैं उन्हें इस मौसम में विशेष रूप से सावधान रहना होता है. इस मौसम में किसी भी तरह की लापरवाही तबियत बिगाड़ सकती है. इसलिए गर्भवती महिलाओं को अपने और अजन्मे शिशु की सेहत के लिए इन 5 बातों का विशेष ख्याल रखना होगा.संतुलित पौष्टिक आहार

तरल पदार्थ की कमी न हो

वातावरण में आर्द्रता बढ़ जाती है, जबकि तापमान कम हो जाता है, जिससे मानसून सुखद होता है. कई गर्भवती महिलाएं मानसून में डिहाइड्रेशन से पीड़ित होती हैं, जिससे मतली, सिरदर्द और बेहोशी की शिकायत होती है. myUpchar से जुड़ी डॉ. आकांक्षा मिश्रा का कहना है कि पानी की कमी शरीर में खनिज, शर्करा और नमक के संतुलन को बिगाड़ सकती है. इसलिए सुनिश्चित करें कि तरल पदार्थ का सेवन करें. अपने आहार में नियमित रूप से नारियल पानी और जूस को शामिल करें.

व्यक्तिगत स्वच्छता का ज्यादा ध्यान

myUpchar से जुड़ीं डॉ. मेधावी अग्रवाल का कहना है कि स्वस्थ और रोग से मुक्त रहने के लिए स्वच्छता के प्रति अधिक जागरुक होने की जरूरत है. जब बात व्यक्तिगत स्वच्छता की होती है तो कई लोग गलतियां कर रहे होते हैं और इसके बारे में उन्हें पता भी नहीं होता है. भले ही चारों ओर सामान्य साफ-सफाई बनाए रखे हुए हों, लेकिन मानसून संक्रमण और बीमारियों को लेकर आता ही है. स्वच्छता के किसी भी पहलू को अनदेखा करना कीटाणुओं को शरीर तक पहुंचने का एक रास्ता दे देता है, जिससे बच्चे पर भी असर पड़ सकता है. यदि संक्रमण से बीमार पड़ते हैं तो डॉक्टर शिशु पर इसके प्रभाव के कारण एंटीबायोटिक्स नहीं दे सकता है और प्राकृतिक उपाय का सहारा लेना पड़ेगा जो कि काफी समय ले सकता है. रोकथाम सबसे अच्छा इलाज है.

मौसम के अनुसार पहनें कपड़े

बारिश हो या कोई भी मौसम, गर्भवती महिलाओं को आरामदायक कपड़े पहनने चाहिए. सूती कपड़े सबसे अच्छे होते हैं. सिंथेटिक कपड़ों से बचें, क्योंकि वे पसीने को अवशोषित नहीं करते हैं और त्वचा पर चकत्ते पैदा करते हैं.

सही फुटवियर का चुनाव

यदि घर से बाहर टहलना पसंद करते हैं या अब भी गर्भावस्था के शुरुआती चरण में हैं, तो मानसून में फिसलन वाली सतहों पर अपना संतुलन बनाए रखने के लिए ज्यादा सावधानी रखने की जरूरत होती है. यहां तक कि जिन सड़कों से अच्छी तरह वाकिफ हैं वो भी बारिश के मौसम में जोखिम भरी हो सकती हैं. गलती से भी पैर फिसलना गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है.

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