आतंकी संगठन तालिबान से अच्छी सौदेबाजी कर रहा अमेरिका: डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान के आतंकी संगठन तालिबान की तारीफ में कठोर और चालाक जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि तालिबान के साथ अमेरिका अच्छी सौदेबाजी कर रहा है।

अमेरिकी सेना ने 11 सितंबर 2001 के आतंकी हमले के महीने भर बाद ही अमेरिकी सेना अफगानिस्तान में घुस गई थी और तालिबान की इस्लामी सरकार को उखाड़ फेंका था। दो दशक से चल रहे गृहयुद्ध को खत्म करने के लिए तालिबान ने इसी हफ्ते अफगानिस्तान सरकार के साथ शांति वार्ता शुरू की है।

ट्रंप ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘हम तालिबान के साथ अच्छी सौदेबाजी कर रहे हैं। वे लोग बहुत कठोर हैं, बहुत चालाक हैं। वे बहुत तेज हैं। आप जानते हैं कि यह सब 19 साल से चल रहा है और साफ-साफ कहें तो अब वे भी इस लड़ाई से थक चुके हैं।’

ट्रंप अमेरिका को उसकी सबसे लंबी लड़ाई से निकालने का श्रेय लेना चाहते हैं। इसी कारण ट्रंप प्रशासन ने अफगानिस्तान में शांति समझौते के लिए दोनों पक्षों पर दबाव बना रखा है। अमेरिका मई 2021 तक अपने सभी सैनिकों को अफगानिस्तान से वापस बुलाने का इरादा रखता है। तालिबान और अफगान सरकार के बीच पहली औपचारिक बैठक मंगलवार को कतर की राजधानी दोहा में हुई थी।

उधर, अफगानिस्तान की राष्ट्रीय सुलह परिषद के अध्यक्ष अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने कहा कि दोहा में सरकार और तालिबान के बीच वार्ता आसान नहीं होगी। अफगान टीम को ऐसे मसलों का सामना करना पड़ेगा, जिसमें सख्त फैसले लेने की जरूरत पड़ेगी।

अब्दुल्ला ने कहा था कि मैं यह नहीं कहता कि यह बातचीत बेहद आसान होगी। यह बेहद कठिन होगी। हमें ऐसे मुद्दों का सामना करना पड़ेगा, जिसके तहत कड़े फैसले लेने होंगे। उन्होंने बताया कि तालिबान से बातचीत में महिला अधिकारों, नागरिक अधिकारों, अल्पसंख्यक अधिकारों और मानवाधिकारों के साथ न्याय और आजादी को संरक्षित रखा जाएगा। इन्हें कई कुर्बानियों के जरिये हासिल किया गया है।

 

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