जानिए सूर्य-शनि कैसे डालते हैं रिश्तों पर प्रभाव, जान लें इन्हें शांत रखने के उपाय
सूर्य को ग्रहों में पिता का स्थान प्राप्त है. पिता की स्थिति सूर्य से देखी जाती है. शनि एक तरफ रोजगार से संबंध रखता है. वहीं दूसरी तरफ सूर्य का पुत्र भी है. पिता और पुत्र के संबंधों के लिए सूर्य और शनि की परस्पर स्थिति देखी जाती है. ये दोनों ही ग्रह फिलहाल मकर राशि में एकसाथ विराजमान हैं. कुंडली में अगर दोनों ग्रहों की स्थिति बिगड़ हो जाए तो इंसान के रिश्तों पर बड़ा बुरा असर पड़ सकता है.
क्या होता है सूर्य और शनि का अशुभ प्रभाव?
पिता और पुत्र में तालमेल काफी ख़राब होता है. कभी कभी पिता और पुत्र में से एक ही जीवित भी रहता है. पिता के साथ पुत्र का बंटवारा हो जाता है या पुत्र पिता को छोड़ देता है. कभी कभी पिता, अपने पुत्र के साथ दुर्व्यवहार करता है. पिता अपने पुत्र को अपने जीवन और संपत्ति से दूर कर देता है.
अगर पुत्र का संबंध पिता से बहुत खराब हो
पिता रोजाना सुबह सूर्य को जल अर्पित करें. हर शनिवार पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. पीपल के वृक्ष की 19 बार परिक्रमा करें. रिश्तों से जल्द ही कड़वाहट दूर हो जाएगी.
अगर सूर्य शनि के कारण किसी की आयु का संकट हो
पिता और पुत्र दोनों, नित्य प्रातः ” नमः शिवाय” का 108 बार जाप करें. शनिवार को दोनों ही काले तिल और गुड़ का दान करें. दोनों को ही सावन में शिव जी का रुद्राभिषेक करवाते रहना चाहिए.
अगर पिता अपने पुत्र के साथ दुर्व्यवहार करते हों
पुत्र नित्य प्रातः काले तिल मिलाकर सूर्य को जल अर्पित करें. पुत्र को रविवार का उपवास रखना चाहिए , इस दिन नमक नहीं खाना चाहिए. पुत्र को काले रंग के वस्त्रों का कम से कम प्रयोग करना चाहिए.
अगर पुत्र अपने पिता के साथ दुर्व्यवहार करता हो
पिता को नित्य प्रातः सूर्य को रोली मिला हुआ जल अर्पित करना चाहिए. रोज शाम को भगवान विष्णु को पीले फूल अर्पित करें. लाल रंग के वस्त्र कम से कम धारण करें.