इन योजनाओं के तहत ग्राहकों को होगा बड़ा फायदा, जानिए क्या है नियम
भारत में जब सुरक्षित और गारंटीड निवेश विकल्पों की बात आती है, तो इनमें एफडी, पीपीएफ, एनएससी और सुकन्या समृद्धि योजनाएं प्रमुख हैं। ये काफी लोकप्रिय निवेश विकल्पों में शामिल हैं। इन निवेश योजनाओं में ग्राहक का निवेश सुरक्षित रहता है। इनमें से कई निवेश विकल्प ऐसे हैं, जहां निवेशक को टैक्स छूट प्राप्त होती है। किसी निवेश विकल्प में अपना पैसा लगाने से पहले आपको यह जानकारी जरूर होनी चाहिए कि उसमें निवेश पर आयकर छूट मिलती है या नहीं। आइए विस्तार से जानते हैं।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड
पीपीएफ योजना EEE स्टेटस के साथ आती है। इसका मतलब है कि इसमें तीन जगह टैक्स लाभ मिलता है। इस योजना में योगदान, ब्याज आय और मैच्योरिटी के समय मिलने वाली राशि, तीनों ही टैक्स फ्री होती हैं। इस योजना में आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट का लाभ मिलता है।
पीपीएफ की तरह ही इस योजना में भी मैच्योरिटी के दौरान निवेश की गई राशि पर ब्याज टैक्स फ्री होता है। इस योजना में किया गया निवेश आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कर छूट के योग्य है।
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स में किया गया निवेश भी आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कर छूट के योग्य होता है। इन सर्टिफिकेट्स में निवेश से प्राप्त ब्याज कर छूट के योग्य होता है। यहां निवेश से प्राप्त आय मैच्योरिटी के वर्ष को छोड़कर, वस्तुत: कर मुक्त होती है।
फिक्स डिपॉजिट में निवेश से प्राप्त ब्याज पर बैंक 10 फीसद टीडीएस काटते हैं। अगर आप उच्च टैक्स ब्रैकेट में आते हैं, तो आपको अतिरिक्ट टैक्स देना पड़ सकता है।