किन्नर अखाड़ा धार्मिक उत्पीड़न बर्दाश्त नही करेगा इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा : महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी

किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महाराज ने किन्नरों के धार्मिक  उत्पीड़न पर नाराजगी जताई है। उन्होंने दो टूक कहा कि किन्नर अखाड़ा अब धार्मिक उत्पीड़न बर्दाश्त नही करेगा। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा। दावा किया कि किन्नर अखाड़ा धर्म परिवर्तन को रोकने में जुटा हुआ है। बड़ी संख्या  में लोग सनातन धर्म में वापसी करने लगे है  लेकिन, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के कई पदाधिकारी आए दिन किन्नर अखाड़ा और उसके पदाधिकारियों पर धार्मिक और सामाजिक  आक्षेप करते रहते हैं।

वर्ष 2015 में अखाड़े के गठन के बाद बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी सनातन धर्म की ओर लौटे जिन्होंने किन्हीं कारणों से सनातन धर्म को छोड़कर अन्य धर्म स्वीकार कर लिया था। वे दोबारा सनातन धर्म में वापसी करने लगे हैं। इतना ही नहीं घर वापसी करने वालों को किन्नर अखाड़ा सामाजिक और आर्थिक रूप से संरक्षण देते हुए समाज की मुख्यधारा में ला रहा है। कोरोना काल के दौरान प्रभावित लोगों, किन्नरों और ट्रांसजेंडरों में 100 टन खाद्यान्न, तेल, चीनी, घी, साबुन, सर्फ, चायपत्ती, मसाला, नमक, पाउडर दूध, मास्क, सैनिटाइजर सहित अन्य सामग्रियां बांटी गईं।

माघ मेला के ओल्ड जीटी रोड और संगम लोवर मार्ग पर लगे शिविर में बुधवार को बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, किन्नर अखाड़ा न तो डरता और न दबता है। ऐसे में किसी भी प्रकार के विरोध पर उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय किन्नरों के पक्ष में आया है, लेकिन सरकार की ओर से किन्नरों की बेहतरी के लिए अब तक कोई काम नहीं शुरू किया गया है, न ही उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ ही मिल रहा है।

इसके पूर्व आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महाराज के बहरौली पहुंचने पर किन्नर अखाड़ा की प्रदेश अध्यक्ष स्वामी कौशल्या नंद गिरि, महामंडलेश्वर स्वामी कल्याणीनंद गिरि, महामंडलेश्वर पवित्रा, किरननंद गिरि, अनिल द्विवेदी, अमिता मिश्रा, राजीव मिश्रा, आशीष केशरवानी,कोमल, नील आदि मौजूद  थे।

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