हल्लाबोल : संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से पूरे देश में रेल रोको आंदोलन

नए कृषि कानूनों के विरोध में आज किसान एक बार फिर सरकार को ललकारने वाले हैं। किसानों की ओर से रेल रोको आंदोलन का आह्वान किया गया है है। आंदोलनरत किसान जहां एक ओर लगातार भारत सरकार से बातचीत का आह्वान कर रहे हैं वहीं आंदोलन को धार देने में भी जुटे हैं। इसी कड़ी में आज संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से पूरे देश में रेल रोको आंदोलन किया जाएगा।


दोपहर 12 बजे से चार बजे तक किसान अपने नजदीकी रेलवे स्टेशन पर जाकर रेल रोकेंगे। इस दौरान किसान सबसे पहले रेल का फूल मालाओं से स्वागत करेंगे और उसके बाद रेल यात्रियों से संवाद करेंगे। इस दौरान आंदोलनकारी किसान रेल यात्रियों को पानी, दूध और चाय भी पिलांएगे। दूध की व्यवस्था बच्चों के लिए की गई है।

बुधवार को भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने यूनियन के सभी कार्यकर्ताओं से दूध, चाय और पानी की व्यवस्था कर अपने नजदीकी रेलवे स्टेशन पर पहुंचने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि रेल रोकने के दौरान शांति बनाए रखें। उन्होंने रेल यात्रियों से भी आव्हान किया है कि किसान की बात सुनने के लिए वे भी अपना थोड़ा सा समय दें और आंदोलन में सहयोग करें।

आंदोलनकारी किसान रेलवे स्टेशनों पर जाकर रेल यात्रियों से संवाद स्थापित करेंगे और उन्हें बताएंगे कि देश का अन्नदाता, जिसे अपने खेत में होना चाहिए था, करीब तीन माह से दिल्ली की सीमाओं पर पड़ा है। भारत सरकार उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करे, इसके लिए वे रेल यात्रियों से समर्थन की अपील भी करेंगे।

गाजीपुर बार्डर आंदोलन कमेटी के सदस्य जगतार सिंह बाजवा ने बताया कि किसानों को सोशल मीडिया पर सही जानकारी उपलब्ध कराने के लिए और गुरूवार को रेल रोको आंदोलन को सफल बनाने के लिए सेशल मीडिया पर किसानों को सक्रिय करने की मुहिम तेज की जा रही है। बुधवार को दर्जनों किसानों को सोशल मीडिया की जानकारी दी गई।

यूपी गेट (गाजीपुर बार्डर) पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हम लगातार उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में पंचायतें कर रहे हैं। इन पंचायतों में हमें किसान-मजदूरों का अपार सहयोग मिल रहा है। किसान पंचायतों को सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। हम देश के सभी राज्यों में जाकर किसानों को अपने आंदोलन के साथ जोड़ेंगे।

गुजरात, कर्नाटक, पश्चिमी बंगाल और यहां तक कि केरल जैसे सुदूर दक्षिण राज्य से भी किसान आंदोलन के साथ जुड़ रहे हैं और अपने राज्यों में किसान पंचायतों के लिए समय की मांग कर रहे हैं। राकेश टिकैत ने कहा कि वह सभी राज्यों में जाकर पंचायतें करेंगे और सरकार की ओर से थोपे गए नए कृषि कानूनों के बारे में किसानों को जागरूक करने का काम करेंगे। एक सवाल के जबाब में उन्होंने कहा कि पश्चिमी बंगाल से लगातार लोग उनसे संपर्क कर रहे हैं और वहां पंचायतें कराना चाहते हैं। जल्द ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी जाएंगे और कृषि कानूनों के बारे में वहां के लोगों को बताकर समर्थन जुटाने का प्रयास करेंगे।

राकेश टिकैत ने एक सवाल के जबाब में कहा कि आंदोलन में शामिल आंदोलनकारी किसानों की संख्या कहीं कम नहीं हो रही। किसान लगातार आंदोलन स्थलों पर आते-जाते रहते हैं। किसान को अपना खेत भी देखना है और आंदोलन भी। सभी किसान आंदोलन को लेकर एकजुट हैं, लेकिन फिलहाल खेतों में भी उसी का कार्य जोरों पर है इसलिए किसान अपने खेतों में काम करने गए हैं उन्होंने बताया कि आवश्यकता पड़ने पर एक बुलावे में सभी किसान एकत्रित हो जाएंगे, साथ ही उन्होंने कहा कि बंगाल चुनाव से पहले वह पश्चिम बंगाल का भी दौरा करेंगे और पश्चिम बंगाल के किसानों की समस्या भी सुनेंगे। बंगाल के किसानों की समस्या को  वे केंद्र व राज्य सरकार के सामने रखेंगे और पश्चिम बंगाल के किसानों की स्थिति पर सरकार से सवाल भी करेंगे।

भाजपा की ओर से सांसद-विधायकों के गांव-गांव जाकर संपर्क करने के सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि वो लोग ग्रामीण क्षेत्रों में जरूर जाएं। इसके साथ ही टिकैत ने ग्रामीणों से आव्हान किया है कि जो भी सांसद-विधायक आपके क्षेत्र में आए उससे बड़ी शालीनता के साथ यह पूछना न भूलें कि चार वर्षों में गन्ने के रेट में एक नन्ही पाई भी क्यों नहीं बढाई? दूसरा सवाल ग्रामीण यह करें कि अब तक भी गन्ना किसानों के 15 हजार करोड़ का भुगतान क्यों नहीं किया गया?

केरल से किसानों के संगठन “यूनाइटेड फार्मर ऑफ केरला” का एक जत्था बुधवार को गाजीपुर बार्डर पहुुंचा। जत्थे ने आंदोलन स्थल पर ही डेरा डाल दिया है। केरल से आए किसानों ने किसान नेता राकेश टिकैत से वार्ता कर अपना समर्थन जताया और ज्यादा संख्या में इतनी दूर आने में असमर्थता जताते हुए उनसे एक पंचायत में केरल में करने का आव्हान किया है। राकेश टिकैत ने उन्हें जल्द ही कार्यक्रम तय करके केरल में पंचायत करने का आश्वासन दिया है।

पंजाब से भारतीय किसान यूनियन (दोआबा) का एक प्रतिनिधिमंडल गाजीपुर बार्डर पहुंचा और राकेश टिकैत से मिलकर आंदोलन का समर्थन किया। किसानों का यह प्रतिनिधिमंडल सुखनाम सिंह साहनी के नेतृत्व में पहुंचा। श्री साहनी ने काफी देर तक राकेश टिकैत के साथ आंदोलन को लेकर चर्चा की और अपने संगठन की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

किसान आंदोलन स्थल पर दिल्ली पुलिस द्वारा की गई किलेबंदी और सड़क पर कीलें लगाने के जबाब में किसान नेता राकेश टिकैत ने गाजीपुर बार्डर पर फूल उगाए थे। टिकैत बुधवार को फावड़ा लेकर फूलों के खेत को देखने पहुंचे। उन्होंने फावड़े से पौधों की क्यारी बना साफ की और फिर बाल्टी से उन्हें पानी भी दिया। इस दौरान तमाम मीडिया चैनलों ने राकेश टिकैत को कवर किया और कांटों के जबाब फूल लगाने की तारीफ भी की।टिकैत ने कहा कि यह फुलवारी किसानों की शांति का पैगाम है। सरकार किसानों के विरुद्ध चाहें जितनी भी कीलें लगा दे, किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करते रहेंगे।

केंद्र सरकार से तीन नए कृषि कानून वापस लेने की मांग करते हुए किसानों द्वारा बृहस्पतिवार को घोषित रेल रोको आंदोलन को देखते हुए रेलवे स्पेशल प्रोटेक्शन फोर्स की 20 अतिरिक्त कंपनियां रेलवे ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में तैनात की हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के तहत किसान संगठनों ने दोपहर 12 से चार बजे तक देश में रेल गाड़ियां रोकने की घोषणा की थी।
रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक अरुण कुमार ने सभी से शांति बनाए रखने का निवेदन करते हुए कहा कि जिला प्रशासन से समन्वय किया गया है और नियंत्रण कक्ष बनाया गया है। गुप्त सूचनाएं लेकर इन चारों राज्यों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होेंने किसानों से निवेदन किया कि यात्रियों को असुविधा न पहुंचाएं।

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