यूपी में महापंचायतों का सिलसिला शुरू, भाजपा के खिलाफ माहौल बनाने के लिए विपक्षी पार्टियां हुई एकजुट
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून के खिलाफ तीन महीने से चल रहे किसान आंदोलन के चलते पश्चिमी उत्तर प्रदेश में महापंचायतों का सिलसिला शुरू हो गया है. सत्ताधारी भाजपा के खिलाफ माहौल बनाने में विपक्षी पार्टियां एकजुट हो गई हैं. राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल के बाद अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव किसान पंचायत के माध्यम से पश्चिम यूपी का सियासी समीकरण साधने की कोशिश कर रहे हैं.
बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष लगातार आवाज उठा रहे हैं, मगर अब सपा खुलकर किसानों के समर्थन में उतरने जा रही है. किसी समय किसान आंदोलन के लिए मशहूर रहे टप्पल (अलीगढ़) से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव शुक्रवार को किसान पंचायत को संबोधित करेंगे. किसानों के समर्थन में सपा की यह पहली रैली है, जिसके जरिए किसानों को साधने की कोशिश करेंगे.
टप्पल ही नहीं अखिलेश किसान आंदोलन का कभी केंद्र रहे बाजना (मथुरा) में 19 मार्च को किसान पंचायत को संबोधित करेंगे. इसके साथ ही मेरठ जिले के मवाना और कासगंज में किसान पंचायत की रूप रेखा तैयार की जा रही है. कासगंज की किसान पंचायत में सपा की सहयोगी महान दल के प्रमुख केशव देव मौर्य भी अखिलेश के साथ मंच साझा करेंगे.