तिब्बत में बुनियादी ढांचा विकास पर 30 अरब डॉलर खर्च करेगा चीन

चीन ने तिब्बत में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बड़ी राशि खर्च करने की योजना बनाई है। चीन ने अपनी नई पंचवर्षीय योजना के तहत दूरदराज के हिमालयी प्रांत में अगले पांच साल के दौरान बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 30 अरब डॉलर (2.1 लाख करोड़ रुपये) आवंटित किए हैं। इनमें नए एक्सप्रेसवे का निर्माण और मौजूदा बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करना शामिल है।

चीन की 14वीं पंचवर्षीय योजना के अनुसार 2021-2025 के दौरान परिवहन क्षेत्र की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर 190 अरब युआन या 29.3 अरब डॉलर (लगभग दो लाख करोड़ रुपये) खर्च किए जाएंगे।

सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार इस राशि का इस्तेमाल नए एक्सप्रेसवे बनाने, मौजूदा राजमार्गो को अपग्रेड करने और ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों की हालत सुधारने पर किया जाएगा।

बयान में कहा गया है कि 2025 तक तिब्बत में कुल राजमार्ग 1,20,000 किलोमीटर हो जाएंगे। इस दौरान एक्सप्रेसवे 1,300 किलोमीटर से अधिक हो जाएंगे।

तिब्बत होते हुए भारत की सीमा तक चीन की ट्रेन

हाल ही में खबर आई थी कि चीन की 435 किमी. लंबी बुलेट ट्रेन जुलाई माह तक अरुणाचल प्रदेश की सीमा तक चलने लगेगी। चीन ने तिब्बत के ल्हासा तक बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी पूरी कर ली है। यह ट्रेन चीन के लगभग सभी प्रांतों से होकर गुजरेगी। ड्रैगन लंबे समय से भारतीय सीमा के निकट लगभग हर तरफ बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में लगा हुआ है। उसकी हर गतिविधि पर भारत की भी पैनी नजर बनी हुई है। चीन ने इस परियोजना की शुरूआत 2014 में की थी। उसकी प्रारंभ से ही योजना पूर्वी तिब्बत के ल्हासा के साथ न्यिंगची को भी जोड़ने की थी। रेलवे ट्रेक का काम 2020 के अंत तक पूरा हो गया है।

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