आज सरकार के 4 साल पूरे पूरे हो रहे है, हम 4 लाख नौकरियां देने में सफल हुए: सीएम योगी

सभी नवचयनित खंड शिक्षको को जीवन को नई शुरुआत के लिए बधाई देता हूं। जब आप प्रतियोगी थे उस समय शाशन से आपकी जो अपेक्षा थी, अब वही अपेक्षा अब शासन कप आपसे है। क्या आज से 4 साल पहले ये संभव था। जब आयोग धूमिल था। जाती, मजहब, क्षेत्र देख कर भर्ती होती थी। भर्ती को लेकर सभी आयोग और बोर्ड को पहले ही निर्देश दे दिया था। कहि भी भरस्टाचार नही होना चाहिए। आज सरकार के 4 साल पूरे हो रहे है। और हम 4 लाख नौकरियां देने में सफल हुए है। इससे पहले कभी भी 4 साल में इतनी बड़ी संख्या में भर्ती हुई है। पीएसी की 54 कंपनी पिछली सरकार ने बन्द कर दी थी जिस प्रदेश की पुलिस बल की संख्या 3 लाख होनी चाहिए थी, वो सवा लाख तक सीमित हो गयी थी।

सपा पर बोला–ये महाभारत के वही पात्र है जिन्होंने दुबारा से जन्म लिया।ये लोग विकास के बाधक थे

प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी गयी। भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी हुई है। अन्य विभाग की भर्ती प्रक्रिया को तेजी के साथ आगे बढ़ाने का काम किया है। हमने आरक्षण का पालन किया। अगर सरकार ने भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से पूरा किया है। तो अब सरकार भी आपसे ऐसी ही उम्मीद रखती है। पिछली सरकार में कोई भर्ती मामा, करता था, कोई भर्ती चाचा करता था, भाई करता था। ये सब महाभारत के पात्र की तरह थे, जिन्होंने 2012 के बाद से 2017 तक इन पत्रों ने जन्म लिया था।

2017 के पहले भ्रष्टाचार होता था, पिछली सरकार में परिवार के मामा, चाचा, भाई सभी ने लूट खसोट किया। विकास को बाधित किया। पहले जाति और पैसा दोनों देखा जाता था। इन सबका खामियाजा प्रदेश की जनता भुगतती थी। स्कूलों के भवन जर्जर थे, टीचर विद्यालय से गायब रहते थे।

पिछले 4 साल में 54 लाख नए बच्चे स्कूल पहुचे है। जबकि एक साल कोरोना प्रबंधन में लगा है। 4 साल के अंदर उत्तर प्रदेश देश की दुसरो अर्थव्यवस्था बनी है। बेसिक शिक्षा में 4 साल में बहुत परिवर्तन हुआ है। ये परिवर्तन अकेले मेरे करने से नही हुआ है। मेरे मंत्री परिषद के सदस्यों से हुए है, अधिकारी और कर्मचारियों की मदद से हुआ है।

2017 में जब सरकार बनी तब पता चला कि शिक्षक स्कूल नहीं जाता था, कोई अपने व्यवसाय में लिप्त था तो कोई ठेकेदारी करता था। अब शिक्षक स्कूल जाते है, प्रेरणा एप पर सभी की उपस्थिति दर्ज की जाती है। चार वर्ष में एक साल कोरोना प्रबंधन में बिता है। 1 मार्च से फिर स्कूल खुले हैं। चार वर्ष में एक साल कोरोना से लड़े हैं इसके बावजूद स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ी है।

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