ब्रज के पुरातन स्वरूप को लौटाने ऊर्जा मंत्री ने तीनों मुख्यमंत्रियों को लिखा पत्र
- उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा के मुख्यमंत्रियों से अमृत पर्व पर ब्रज के विकास पर विशेष जोर का आग्रह
- ब्रज चौरासी कोस के संपूर्ण विकास के लिए फलदार वृक्ष लगाने, परिक्रमा मार्ग, मंदिरों व कुंड के सुदृढ़ीकरण के लिए लिखा
- मथुरा के अलावा राजस्थान के भरतपुर व हरियाणा के पलवल जिले हैं शामिल
मथुरा। 20/03/21
ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री ने ब्रज के पुरातन स्वरूप को लौटाने के लिए हरियाली बढ़ाने, कुंड में जल छोड़ने और मंदिरों के सुदृढ़ीकरण के लिए तीनों संबंधित मुख्यमंत्रियों से अनुरोध किया है। ऊर्जा मंत्री ने ब्रज चौरासी कोस के विकास के लिए उत्तर प्रदेश सहित हरियाणा और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है।
ऊर्जा मंत्री ने लिखा है कि ब्रज चौरासी कोस भगवान श्रीकृष्ण के देश व विदेश से आने वाले करोड़ों भक्तों के लिए आस्था का सर्वोच्च केंद्र है।
देश की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर 75 सप्ताह तक चलने वाला अमृत पर्व इस वर्ष प्रारम्भ हो रहा है। इस दौरान ब्रज के पुरातन स्वरूप को लौटाने के लिए विशेष प्रयासों की जनापेक्षाएं है।
अतः आपसे विनम्र अनुरोध है कि ब्रज की हरीतिमा लौटाने के लिए माँ यमुना के दोनों किनारों पर एवं 84 कोसी परिक्रमा मार्ग में फलदार वृक्षों का रोपण हो तथा वन विभाग की खाली पड़ी भूमि पर जहाँ केवल बबूल आदि के वृक्ष हैं वहाँ पर भी फलदार वृक्षों का रोपण किया जाये।
ऊर्जा मंत्री ने मुख्यमंत्रियों से अनुरोध किया है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के संकल्प के दृष्टिगत पंचवटी वृक्षों का भी वृक्षारोपण हो जो पर्यावरण के अनुकूल हैं। जैसे-आम, अमरूद, नीम, महुआ, जामुन, ताड़, बड़हर, आंवला, कैथा, बेल, गूलर, कटहल, इमली, लसोहड़ा, पाकरी, पीपल, बरगद, मोरछली, कदम आदि भारतीय पौधों का रोपण हो। इन पौधों में पशु-पक्षी भरण पोषण के साथ-साथ अपना आश्रय भी बनाते हैं।
ऊर्जा मंत्री ने ब्रज के कुंडों में जल छोड़ने व तालाबों की खुदाई के लिए भी लिखा है, इससे गिरिराज जी की तलहटी सहित अन्य क्षेत्रों में हरीतिमा लौटेगी। साथ ही भूजल स्तर बढ़ेगा।
ब्रज चौरासी कोस की सीमा में कई मंदिर व अन्य पौराणिक स्थल उपेक्षित अवस्था में हैं ऊर्जा मंत्री ने मंदिरों और उन स्थलों के सुदृढ़ीकरण के लिए संबंधित विभागों/अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देने का अनुरोध किया है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि ब्रज चौरासी कोस की परिक्रमा में मथुरा के साथ ही हरियाणा के पलवल व राजस्थान के भरतपुर जिले का हिस्सा भी शामिल है जहां लोकआस्था से जुड़े कई धार्मिक-पौराणिक स्थल मौजूद हैं। ब्रज चौरासी कोस के संपूर्ण विकास के लिए इनके संरक्षण की आवश्यकता है।