इजराइल में नेतन्याहू पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण दो वर्षों में चौथी बार होंगे संसदीय चुनाव

इजराइल में काफी समय तक चले सियासी गतिरोध और बेंजामिन नेतन्याहू पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण गत दो वर्षों में चौथी दफा संसदीय चुनाव होने वाले हैं. आज होने वाली वोटिंग से पहले हुए चुनावी सर्वेक्षणों के मुताबिक, नेतन्याहू के समर्थकों और उनके विरोधियों के बीच टक्कर का मुकाबला होने की उम्मीद है. संसदीय चुनाव में नेतन्याहू के अतिरिक्त, याईर लपिड, गिडियन सार, और नफ्ताली बेनेट सत्ता के मुख्य दावेदार हैं.

नेतन्याहू, सबसे लंबे समय तक (पांच बार) देश के सीएम रह चुके हैं. वह इजराइल में कोरोना वैक्सीन की सफलता और अरब देशों के साथ राजनयिक संबंध सुधारने के दम पर चुनाव जीतने का दावा कर रहे हैं. इसके साथ ही सियासी उठापटक से भरे दो साल में पहली बार नेतन्याहू को विपक्षी पार्टियों से कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है. चुनावी सर्वेक्षणों के मुताबिक, उनकी पार्टी ‘लिकुड’ और उसके सहयोगी दलों को बहुमत से कम पर संतोष करना पड़ सकता है.

विपक्षी पार्टी के नेता याईर लपिड ने रक्षा मंत्री बेनी गांट्ज के सहयोग से गत वर्ष चुनाव लड़ा था, किन्तु नेतन्याहू और गांट्ज के बीच सत्ता की साझेदारी को लेकर हुए समझौते के बाद वह पीछे हट गए थे. इस बार उन्होंने नेतन्याहू को हराने का दावा करते हुए प्रचार किया है. सर्वेक्षणों में लपिड की पार्टी के दूसरे स्थान पर आने का अनुमान लगाया गया है.

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