भारत के लिए बेहद खतरनाक हैं कोरोना की दूसरी लहर, आप पर भारी पड़ सकती हैं ये लापरवाही
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं. भारत में भी कोरोना की दूसरी लहर ने एक बार फिर से लोगों को डरा दिया है. यहां हर दिन 24 घंटे के अंदर 1 लाख से भी ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. भारत में इस डबल म्यूटेंट के फैलने के पीछे लोगों की बड़ी लापरवाही मानी जा रही है.
डॉक्टर्स और हेल्थ एक्सपर्ट्स कोरोना की इस लहर को लेकर बहुत चिंतित हैं और इसे पहले से कहीं ज्यादा खतरनाक और संक्रामक मान रहे हैं. आइए जानते हैं कि कोरोना के इस दूसरे लहर के लक्षण पहली लहर से कितने अलग हैं.
भारत में फैले नए कोरोना वायरस के तरह-तरह के लक्षण सामने आ रहे हैं. ये लक्षण कोरोना की पहली लहर से थोड़े अलग हैं. गुजरात के डॉक्टरों के अनुसार, कुछ मरीजों में कोरोना के असामान्य लक्षण देखने को मिल रहे हैं जिसमें पेट में दर्द, मिचली, उल्टी और ठंड लगना शामिल है. आपको बता दें कि पहली लहर में कफ और बुखार को कोरोना का मुख्य लक्षण माना जा रहा था. यही वजह है कि डॉक्टर अब बिना इन आम लक्षणों के भी लोगों को कोरोना टेस्ट कराने की सलाह दे रहे हैं.
इसके अलावा, कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना के मरीजों में ज्वाइंट पेन, मांसपेशियों में दर्द, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारी, कमजोरी और भूख की कमी जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि बुखार और कफ जैसे कोरोना के आम लक्षणों के अलावा इसके असामान्य लक्षण UK और अन्य यूरोपीय देशों में संक्रमण की दूसरी, तीसरी लहर के दौरान पता चले हैं.
कोरोना के ज्यादातर मामले हल्के या फिर बिना लक्षणों वाले सामने आ रहे हैं. जिस तरह कोरोना अपना रूप बदल रहा है ये हर लोगों को अलग-अलग तरीके से प्रभावित कर रहा है. कोरोना के पहली लहर की तरह नए वेरिएंट से भी उन लोगों को ज्यादा खतरा है जिन्हें पहले से कोई बीमारी है. ऐसे लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ सकती है.
हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना का नया वेरिएंट बॉडी पर अलग-अलग तरीके से हमला कर रहा है. नया स्ट्रेन बहुत ज्यादा संक्रामक है और फेफड़ों और श्वसन तंत्र में आसानी से फैल जा रहा है. इसकी वजह से निमोनिया हो रहा है जो कोरोना को और घातक बना रहा है.
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षणों को ना करें नजरअंदाज- नए कोरोना में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल से जुड़े लक्षण ज्यादा सामने आ रहे हैं जो पहले सामान्य नहीं थे. डॉक्टरों का मानना है कि ये वायरस पाचन तंत्र में मौजूद ACE2 एंट्री रिसेप्टर्स से जुड़ जाता है जिसकी वजह से डायरिया, पेट में ऐंठन, मिचली, दर्द और उल्टी महसूस होती है.
वहीं इस वेरिएंट में वायरल लोड भी बहुत ज्यादा है. वायरल लोड खून में मौजूद वायरस (SARS-COV-2) के बारे में बताता है जिसे टेस्ट के जरिए पता लगाया जा सकता है. वायरल लोड बताता है कि शरीर में संक्रमण तेजी से फैल रहा है. COVID-19 के मामले में ज्यादा वायरल लोड और ज्यादा संक्रामक हो सकता है.
कोरोना के नए मामलों में जो लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं उनमें वायरल लोड भी ज्यादा पाया जा रहा है. इसका मतलब है इंफेक्शन और रीइंफेक्शन की दर भी ज्यादा हो सकती है. कोरोना का नया स्ट्रेन युवाओं और बच्चों को भी तेजी से संक्रमित कर रहा है.