यूपी पंचायत चुनाव की मतगणना पर रोक नहीं, SC ने नियमों के साथ दी मंजूरी
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में 2 मई को होने वाली पंचायत चुनाव की मतगणना पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। हालांकि शीर्ष अदालत ने फैसला सुनाते हुए कोविड प्रोटोकॉल का साथ मतगणना की इजाजत दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश में हम दखल की ज़रूरत नहीं समझते है। जो प्रोटोकॉल हमारे सामने रखा गया, उसका पूरी तरह पालन हो। मतगणना केंद्र के बाहर सख्त कर्फ्यू हो, कोई विजय रैली न निकाली जाए। इसके साथ ही कॉउंटिंग सेंटर की CCTV फुटेज को संरक्षित किया जाए और हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान पेश किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट में एक शिक्षक ने एक याचिका का हवाला देते हुए कहा कि चार चरणों के चुनाव में ड्यूटी के दौरान 700 शिक्षकों की मृत्यु हो गई है। जिसपर अदालत ने जोर दिते हुए कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी मतगणना केंद्रों पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है।
राज्य में भयावह कोविड का हवाला देते हुए आज सुबह शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग से पूछा कि क्या मतगणना बाद में हो सकती है। क्या यह दो सप्ताह बाद हो सकता है ताकि चिकित्सा सुविधाओं में सुधार हो सके?” शीर्ष अदालत ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, “आप सभी बाधाओं के बावजूद आगे बढ़ना चाहते हैं? मतगणना तीन सप्ताह तक टाल दी जाती है।”
जिसपर यूपी चुनाव आयोग ने अदालत से कहा, “हमने आगे बढ़ने का निर्णय लिया है। हम मतगणना प्रक्रिया के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करेगा। मतगणना केंद्रों के प्रवेश द्वार पर ऑस्मेटर टेस्ट किए जाएंगे, मतगणना केंद्रों के बाहर और बाहर किसी भी भीड़ को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी, हर शिफ्ट के बाद केंद्रों की सफाई की जाएगी, सोशल डिटेंसिंग बनाए रखी जाएगी और थर्मल चेकिंग की जाएगी।”
वरिष्ठ अधिवक्ता और अपर महाधिवक्ता ऐश्वर्या भाटी, जिन्होंने यूपी राज्य चुनाव आयोग का प्रतिनिधित्व किया, उन्होंने अदालत को बताया कि प्रत्येक मतगणना केंद्र में 75 व्यक्तियों की सीमा है और कुल 829 मतगणना केंद्र हैं। राज्य चुनाव आयोग ने एक सवाल के जवाब में बताया कि कोविड प्रोटोकॉल के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए प्रत्येक जिले के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।
शीर्ष अदालत ने कहा, “अगर कुछ गलत हुआ तो इन अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाएगा।”
बीएसपी प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को मांग की कि राज्य सरकार पंचायत चुनाव ड्यूटी पर रहते हुए कोरोना वायरस के कारण मारे गए कर्मचारियों के आश्रितों को वित्तीय सहायता प्रदान करे। उन्होंने हिंदी में एक ट्वीट में कहा, “सरकार को चुनाव ड्यूटी पर मारे गए सभी कर्मचारियों के परिवार के आश्रितों को उचित वित्तीय सहायता प्रदान करनी चाहिए।”
पिछले 24 घंटों में 34,372 मामलों के साथ उत्तर प्रदेश का कोविद केसलोड 12.5 लाख हो गया। महाराष्ट्र, केरल और कर्नाटक के बाद यहां देश में चौथा सबसे अधिक मामले हैं।
पिछले 24 घंटों में 4.01 लाख से अधिक मामलों के साथ भारत के कोविड मामलों ने आज सुबह विश्व रिकॉर्ड बनाया है।