क्या UAI में होना चाहिए ICC T20 World Cup का आयोजन, पैट कमिंस ने कही ये बात
नई दिल्ली, भारत में कोरोना की दूसरी लहर के कारण आइपीएल 2021 स्थगित होने के बाद, अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हुई है कि क्या देश अक्टूबर-नवंबर में टी20 विश्व कप की मेजबानी करने की स्थिति में होगा? या इसका आयोजन यूएई में होगा। ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज पैट कमिंस का मानना है कि यह तय करना जल्दबाजी होगी। सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार कोलकाता नाइटराइडर्स (KKR) के पेसर ने कहा है कि क्रिकेट अधिकारियों को भारत सरकार के साथ काम करना होगा और देखना होगा कि लोगों के लिए अच्छा क्या है।
कमिंस ने हेराल्ड को बताया,’अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। छह महीने का वक्त है। क्रिकेट अधिकारियों की प्राथमिकता होनी चाहिए कि वे भारतीय सरकार के साथ काम करना चाहिए और देखना चाहिए भारतीय लोगों क्या अच्छा है। यदि यह सुरक्षित नहीं है, तो मुझे नहीं लगता कि यहां खेलना सही है। यह पहला प्रश्न है, जिसका उत्तर दिया जाना चाहिए।’
भारत में कोरोना की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कमिंस ने कहा, ‘मैं काफी असहाय महसूस कर रहा था। हम लोग पहले की तरह खेल और ट्रेनिंग कर रहे थे। बस यह महसूस हुआ कि मुझे लोगों के लिए कुछ करना चाहिए। पहली चीज जो मैं सुनिश्चित करना चाहता था वह यह था कि आइपीएल खेलने का फैसला सही था। घर पर लोगों से बात कर रहा था। कुछ का मानना था कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच यहां क्रिकेट का आयोजन सही नहीं है।’
कमिंस ने आगे कहा,’भारत में लोगों से मुझे जो प्रतिक्रिया मिल रही थी, वह इसके विपरीत थी। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में फंसे लोग इस तथ्य की सराहना करते हैं कि प्रत्येक रात तीन या चार घंटे के लिए वे आइपीएल देख सकते हैं। यह उन्हें घरों में रखने में मदद करता है। सभी सोच रहे थे कि यह बहुत सकारात्मक बात है कि आइपीएल अभी भी चल रहा है।’
इसके बाद ही कमिंस ने महसूस किया कि उन्हें भारत में लोगों के लिए कुछ करना चाहिए और उन्होंने आगे बढ़कर मदद के लिए हाथ बढ़ाया। उन्होंने कहा, ‘मैं सोच रहा था कि मैं क्या कर सकता हूं? एक खिलाड़ी के तौर पर भारत मेरे लिए काफी अच्छा रहा है। यहां के लोग काफी अद्भुत है। मैं लोगों मदद करना चाहता था।’ कमिंस पहले व्यक्ति थे जो भारतीय लोगों को महामारी से लड़ने में मदद करने के लिए योगदान देने के लिए आगे आए। उन्होंने कहा कि यूएई में आइपीएल खेला जा सकता था, लेकिन लाखों लोग चाहते थे कि भारत में इसका आयोजन हो।