सऊदी अरब ने आज से हटाए सारे यात्रा प्रतिबंध, शुरू कीं अंतरराष्ट्रीय उड़ानें…
सऊदी अरब ने कोरोना महामारी के बीच पिछले साल मार्च से बंद अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों से रोक हटा ली है। इसके साथ ही उसने अपने जमीन और समुद्र के बार्डर भी खोल दिए हैं। राहत देने के साथ कुछ शर्ते भी लगाई गई हैं। अभी भारत सहित लेबनान, यमन, ईरान और तुर्की के लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जाने-आने वाली उड़ानों पर रोक बरकरार रहेगी। सऊदी अरब के गृह मंत्री ने कहा कि अब हम पूरी क्षमता के साथ अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए तैयार हैं। यहां चौदह माह से नागरिकों को पूरी तरह से बाहर जाने पर रोक थी।
इससे विदेश में शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों का ज्यादा नुकसान हो रहा था। सऊदी अरब की आबादी 3 करोड़ है। इनमें से एक करोड़ 15 लाख से ज्यादा लोगों को कम से कम वैक्सीन का एक डोज लग चुका है। नई गाइडलाइन के अनुसार यात्रा के लिए दो सप्ताह पहले जानकारी देने होगी। अनुमति एक वैक्सीन डोज लेने वाले, पिछले छह माह में कोरोना मरीज रहे लोगों को दी जाएगी। आने वाली उड़ानों में अभी अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस सहित 20 देशों के नागरिकों पर रोक जारी रहेगी।
जानिए क्या रहेंगे नियम
सऊदी अरब 20 मई से आने वाले यात्रियों पर संस्थागत क्वारंटीन को लागू करेगा। यात्रियों की कुछ श्रेणियों को क्वारंटीन से बाहर रखा जाएगा, जिनमें सऊदी नागरिक, उनके जीवनसाथी और बच्चे शामिल हैं। कोरोना वैक्सीन प्राप्त करने वाले यात्रियों के साथ-साथ आधिकारिक प्रतिनिधिमंडलों के साथ-साथ राजनयिकों और उनके साथ रहने वाले उनके परिवारों को भी क्वारंटीन से बाहर रखा जाएगा। लेकिन टीका लगाए गए व्यक्तियों को छोड़कर, दूसरी श्रेणियों को घरेलू क्वारंटीन नियमों से गुजरना होगा।
उड़ान शुरू करने को लेकर तैयारियां पूरी
सऊदी अरब एयरलाइंस ने कहा कि उसने 95 हवाई अड्डों से 71 गंतव्यों के लिए उड़ानें संचालित करने की तैयारी पूरी कर ली है, जिसमें 28 घरेलू और 43 अंतरराष्ट्रीय गंतव्य शामिल हैं। नागरिक उड्डयन के सामान्य प्राधिकरण ने कहा कि सोमवार को पूरे राज्य के हवाई अड्डों पर लगभग 385 उड़ानें संचालित होने की उम्मीद है।
इन देशों के प्रतिबंध जारी
हालांकि, सऊदी अरब की सरकार ने कहा कि कई कोविड प्रभावित देशों की यात्रा, सीधे या किसी अन्य देश के माध्यम से, बिना पूर्व अनुमति के अभी भी प्रतिबंधित है। इन देशों में भारत, लीबिया, सीरिया, लेबनान, यमन, ईरान, तुर्की, आर्मेनिया, सोमालिया, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, अफगानिस्तान, वेनेजुएला और बेलारूस शामिल हैं।