बैंक ऑफ बड़ौदा को बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में हुआ 1,047 करोड़ रुपये का नुकसान
नई दिल्ली, सरकारी क्षेत्र के कर्जदाता बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) को बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च, 2021) में स्टैंडअलोन आधार पर 1,047 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। एक वर्ष पहले की समान अवधि में बैंक को 507 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। बैंक के अनुसार, टैक्स की पुरानी से नई व्यवस्था में आने की वजह से बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में उसका लाभ घटा।
पूरे वित्त वर्ष (अप्रैल, 2020-मार्च, 2021) के दौरान बैंक का शुद्ध लाभ 52 फीसद बढ़कर 829 करोड़ रुपये हो गया। उससे पिछले वित्त वर्ष में बैंक का शुद्ध लाभ 546 करोड़ रुपये रहा था।
बीओबी के एमडी व सीईओ संजीव चड्ढ़ा ने कहा कि बीते पूरे वित्त वर्ष में हमारा कर-पूर्व लाभ (पीबीटी) 5,556 करोड़ रुपये रहा। इसे देखते हुए हमें लगा कि कम टैक्स की नई व्यवस्था अपना ली जाए। लेकिन नई व्यवस्था के तहत हमें डेफर्ड टैक्स असेट्स (डीटीए) का समायोजन करना था, जो पूरे वित्त वर्ष के दौरान करीब 3,500 करोड़ रुपये रहा।
इसलिए हमें बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में करीब 1,000 करोड़ रुपये का घाटा दिखाना पड़ा। बीते वित्त वर्ष के दौरान बीओबी की शुद्ध ब्याज आय (एनआइआइ) 4.54 फीसद बढ़कर 7,107 करोड़ रुपये हो गई, जो एक वर्ष पहले की समान अवधि में 6,798 करोड़ रुपये थी। बैंक ने बताया कि बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में उसका सकल फंसा कर्ज (ग्रॉस एनपीए) घटकर 8.87 फीसद और नेट एनपीए 3.09 फीसद रह गया।