कैंची धाम मंदिर श्रद्धालुओं के लिए अनिश्चितकाल तक के लिए बंद, सरकार ने आवाजाही पर लगाई रोक

कोरोना संक्रमण को देखते हुए अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग पर कैंची में स्थित प्रसिद्ध नीब करौली बाबा मंदिर का गेट अनिश्चितकाल तक के लिए बंद कर दिया गया है। मंदिर समिति व जिला प्रशासन ने मंदिर में 15 जून को मेले का पर्व नजदीक आने और श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए गेट बंद करने का फैसला लिया है।  शनिवार को मंदिर समिति ने मुख्य गेट को रस्सी लगाकर बंद कर दिया है। मंदिर प्रबंधक विनोद जोशी ने बताया कि एक ओर कोरोना संक्रमण का खतरा बना हुआ है।

वहीं दूसरी ओर मेले का पर्व नजदीक आने के साथ ही मंदिर में हर दिन श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने लगी थी। सरकार ने आवाजाही पर कोई रोक नहीं लगाई है, जिसके चलते बाहरी राज्यों से भी भक्त दर्शनों के लिए लगातार पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। फिलहाल अनिश्चितकाल के लिए मंदिर के कपाट को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है। उन्होंने श्रद्धालुओं से घरों में रहकर ही पिछले वर्ष की तरह बाबा को भोग लगाने की अपील की है। एसडीएम विनोद कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया है।

कैंची धाम में इस बार भी नही लगेगा मेला
भवाली। अल्मोड़ा भवाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित कैंची धाम में इस वर्ष भी महोत्सव नहीं होगा। मंदिर समिति 15 जून को होने वाले 57 वें कैंची महोत्सव को जिला प्रसाशन से वार्ता के बाद सादगी से मनाने पर विचार कर रही है। प्रशासन से रायशुमारी के बाद 15 जून को सामान्य दिनों की तरह ही नीब करौली महाराज को भोग लगाया जाएगा। महामारी के कारण हर वर्ष बाबा को लगने वाला मालपुओं का भोग इस वर्ष नहीं लग पाएगा। हालांकि सामान्य तौर पर पूजा अर्चना की जाएगी। नीब करौली महाराज 1962 में कैंची आए थे। 

यह भी जानें
वर्ष 1964 में बाबा नीब करौली महाराज ने यहां हनुमान मंदिर की स्थापना की थी। जिसके बाद प्रतिवर्ष 15 जून को कैंची धाम में मेला लगता रहा है। मेले में देश-विदेश से हजारों भक्त पहुंचते हैं। मंदिर समिति के प्रदीप साह भयु ने बताया कि दो महीने पहले से मेले की तैयारियां हो जाती थीं। इस वर्ष तैयारियां नहीं की गई हैं। 15 जून को यह संख्या लगभग 1 लाख से ऊपर ही रहती है। 

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