Mutual Fund SIP में लगातार बढ़ रही है निवेशकों की रुचि, रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचा AUM
नई दिल्ली, व्यक्तिगत निवेशकों में लंबी अवधि में संपत्ति सृजन के लिए भारतीय Mutual Fund उद्योग में रुचि साल-दर-साल बढ़ती जा रही है। पिछले पांच वर्षों में एसआईपी फोलियो, एसआईपी अंशदान और एसआईपी एयूएम में बढ़ोतरी से यह स्पष्ट हो जाता है। एएमएफआई के आंकड़ों के मुताबिक, 31 मई, 2021 तक Mutual Fund एसआईपी एयूएम चार गुना बढ़कर 4,67,366.13 करोड़ रुपये हो गया, जो 31 अगस्त 2016 को 1,25,394 करोड़ रुपये था।
सालाना Mutual Fund एसआईपी अंशदान भी पिछले पांच साल के दौरान दो गुना से अधिक बढ़कर 96,080 करोड़ रुपये हो गया है और यह अप्रैल 2020 से 31 मार्च, 2021 के दौरान महामारी के संकट वाले दौर में हुआ जो अप्रैल 2016 से मार्च 2017 के बीच 43,921 करोड़ रुपये से प्रभावित किया। पिछले पांच साल में, एसआईपी एयूएम में सालाना 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो Mutual Fund उद्योग के एयूएम के मुकाबले दोगुनी वृद्धि है।
Mutual Fund मासिक एसआईपी योगदान 31 मई, 2021 तक 2.52 गुना बढ़कर 8,818.9 करोड़ रुपये हो गया, जो 31 अगस्त 2016 तक 3,497 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2021 के सिर्फ पहले पांच महीनों में ही एसआईपी ने 42,148 करोड़ रूपये का योगदान किया ।
Mutual Fund परिसंपत्ति वर्ग के प्रति खुदरा निवेशक के रुझान में बेहद तेज़ी से बढ़ा है जो पिछले पांच साल के दौरान Mutual Fund एसआईपी खातों की संख्या में बढ़ोतरी से स्पष्ट है। इन खातों की संख्या 30 अप्रैल 2016 तक एक करोड़ थी जो 31 मई 2021 तक लगभग चार गुना बढ़कर 3.88 करोड़ हो गई।
महीने-दर-महीने के आधार पर पंजीकृत नए एसआईपी की संख्या 31 मई, 2021 तक लगभग तीन गुना बढ़कर 15.48 लाख हो गई, जो 30 अप्रैल, 2016 तक 5.88 लाख थी।
एएमएफआई के मुख्य कार्यकारी एनएस वेंकटेश ने कहा, “छोटे बचतकर्ताओं महसूस कर रहे हैं कि पिछले कुछ साल से बैंक ब्याज दरों में गिरावट के बीच दीर्घकालिक स्तर पर मुद्रास्फीति-समायोजन के बाद बेहतर गुणात्मक मुनाफा सिर्फ Mutual Fund परिसंपत्ति वर्ग से आ सकता है। इसलिए एमएफ परिसंपत्ति वर्ग के प्रति रुझान बढ़ रहा है। अपने जीवन-स्तर के लक्ष्य और जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर, छोटे बचतकर्ता अपनी बचत को बैंक में जमा करने के बजाय Mutual Fund एसआईपी में लगा रहे हैं क्योंकि बैंक दरों में गिरावट का रुझान बरकरार है।”